चक्रधरपुर. चक्रधरपुर प्रखंड कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला रखरखाव के अभाव में 2020 से बंद है. मिट्टी जांच प्रयोगशाला भवन खंडहर में तब्दील हो गयी है. स्थिति इतनी खराब है कि किसानों के खेतों से ली गयी मिट्टी के नमूनों की जांच के लिए अब एग्री क्लीनिक में जमा करते हैं. वहां से मिट्टी को चाईबासा स्थित प्रयोगशाला भेजा जाता है. इससे रिपोर्ट आने में समय लगता है. समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने से किसान अपनी फसल के लिए खाद का संतुलित उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. इसका सीधा असर किसानों के उत्पादन पर पड़ रहा है. बताया जाता है कि चक्रधरपुर प्रखंड में 2026 किसानों के खेत की मिट्टी जांच का लक्ष्य है.
21 हजार किसानों की मिट्टी जांच का है लक्ष्य :
जिले में करीब 21,000 किसानों की मिट्टी जांच करने का लक्ष्य है. अब तक सिर्फ 9000 किसानों की ही मिट्टी जांच हो सकी है. वहीं स्वाइल हेल्थ कार्ड (मृदा स्वास्थ्य कार्ड) वितरण भी शुरू कर दिया गया है. विशेषज्ञ बताते हैं कि मृदा जांच से किसानों को मिट्टी की पोषक क्षमता और उसमें उपलब्ध तत्वों की सही जानकारी मिलती है. इस आधार पर किसान अपनी फसल के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक, सल्फर आदि की मात्रा संतुलित ढंग से डाल सकते हैं. इससे लागत घटती है और उत्पादन बढ़ता है. मिट्टी की सेहत लंबे समय तक बनी रहती है. चक्रधरपुर में प्रयोगशाला बंद रहने से किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. किसानों के बीच मृदा जांच के लिए जागरुकता की भी कमी है. यही कारण है कि विभाग द्वारा निर्धारित मृदा जांच का लक्ष्य लगातार पीछे चल रहा है.
प्रयोगशाला भवन खंडहर में तब्दील :
चक्रधरपुर प्रखंड कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील हो गयी है. भवन काफी जर्जर हो गया है. भवन की छत से पानी टपकता है. साथ ही बिजली की वायरिंग पूरी तरह जल गयी है. उससे भी खतरा बना रहता है. इस कारण भवन में काम करने से कर्मी डरते हैं.
चाईबासा से रिपोर्ट देर से आती है : किसान
किसान धनंजय महतो ने बताया कि चक्रधरपुर के किसान हर साल मिट्टी की जांच कराना चाहते हैं, पर यहां सुविधा बंद पड़ी है. नमूना एग्री क्लीनिक सेंटर में जमा करना पड़ता है. उससे समय पर रिपोर्ट नहीं मिलती है. इसके लिए इंतजार करना पड़ता है. सरकार को जल्द से जल्द चक्रधरपुर की प्रयोगशाला चालू करनी चाहिए. इसके लिए स्टाफ की बहाली जरूरी है. अगर प्रयोगशाला शुरू हो जाती, तो किसानों को अधिक लाभ होता.
– चक्रधरपुर की मिट्टी जांच प्रयोगशाला में कर्मचारियों की कमी है. इस कारण किसानों की मिट्टी जांच बंद है. हालांकि चाईबासा में मिट्टी जांच हो रही है. जिले में 21 हजार किसानों के खेत की मिट्टी जांच का लक्ष्य है. इसमें से 9 हजार किसानों की मिट्टी जांच हो चुकी है. मृदा हेल्थ कार्ड भी बंट रहे हैं. जहां तक भवन की बात है, उसके लिए पत्र मंगाये गये हैं.– अमरजीत कुजूर
, प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी, चाईबासाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

