चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर के सर्वोजनिन सर्वोदयोत्सव रेलवे इस्ट सेटेलमेंट दुर्गा पूजा कमेटी कोणार्क मंदिर, पुरानी हवेली, मधुमक्खी, मयूर पक्षी जैसे अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाने के लिए प्रसिद्ध है. इस बार समिति पुराने जमाने के विवाह उत्सव की सजावटी शैलियों का पंडाल बना रही है. यहां आने वाले दर्शकों को पुराने जमाने के विवाह उत्सव की याद दिलायेगा. बंगाल के कारीगरों ने पंडाल बनाने का काम शुरू कर दिया है. बंगाल के कारीगर बापी दास के निर्देशन में विवाह उत्सव की तर्ज पर पंडाल तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह पंडाल दर्शनार्थियों के लिये आकर्षक का केंद्र होगा. बापी दास ने बताया कि पुराने जमाने के विवाह उत्सव की परंपरा से जुड़े घोड़ा, रथ, पालकी, शहनाई, पारंपारिक गाजे-बाजे की आकृतियां व निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सजावटी शैलियों की सामग्री से पंडाल बनाया जा रहा है. चक्रधरपुर के माहिर कारीगर मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं.पंडाल 60 फीट ऊंचा व 35 फीट चौड़ा होगा
कमेटी के संयोजक चंदन प्रधान ने कहा कि यहां दुर्गा पूजा की शुरुआत वर्ष 1976 से हुई थी. इस बार विशाल विवाह उत्सव पर बने पंडाल में मां दुर्गा विराजमान होंगी. कमेटी इस वर्ष दुर्गा पूजा में सात लाख रुपये खर्च करेगी. इसमें आकर्षक विद्युत साज-सज्जा भी शामिल है. पंडाल तक संपर्क सड़कों में रोशनी की समुचित व्यवस्था होगी, ताकि दर्शनार्थियों को पंडाल आने में परेशानी नहीं हो. पंडाल में अष्टमी व नवमी के दिन श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा.
कमेटी के सदस्य
अध्यक्ष राजीव शुक्ला, सचिव विष्णु कुमार, संयोजक चंदन प्रधान, कोषाध्यक्ष देवाशीष प्रमाणिक समेत 150 कार्यकर्ता शामिल हैं. सभी को उनकी जिम्मेदारी सौंप दी गयी है. सभी सदस्य अपनी जिम्मेदारी को बखूबी संभाल रहे हैं. पंडाल का निर्माण भी जोर-शोर से किया जा रहा है. पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की यहां भीड़ उमड़ेगी. दूर दराज के लोग यहां पंडाल देखने के लिए पहुंचते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

