चाईबासा. शिक्षा विभाग ने मंगलवार को मांगीलाल रुंगटा प्लस टू उच्च विद्यालय में पश्चिमी सिंहभूम जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन आयोजित किया. मुख्य अतिथि उपायुक्त ,विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष हरिन तामसोय, वरीय उपाध्यक्ष डा दिनेश बोयपाई, राजेश पासवान, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उपायुक्त ने बताया कि निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार-2009 के तहत 05 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को विद्यालयी शिक्षा अनिवार्य रूप से पूर्ण कराना है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी है. आंगनबाड़ी से उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षा के लिए विद्यालयों में आवश्यक सुविधाएं की व्यवस्था के लिए सरकार कटिबद्ध है. स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद को शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी गयी है. वे विद्यालयों में आवश्यक कमियों को पूरा करने में सहयोग देंगे. भवन निर्माण, सभी बच्चों का नामांकन, प्रयास कार्यक्रम, जीरो ड्रॉप आउट पंचायत इत्यादि कार्य सुनिश्चित करना है. शिक्षकों और विभाग में समन्वय जरूरी : जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को अहम दायित्व दिया गया है. इसे नियमित रूप से करने के आवश्यकता है, ताकि बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें. शिक्षकों और विभाग के आपसी समन्वय से शिक्षा के स्तर में परिवर्तन लाया जा सकता है. विद्यालयों में बच्चों को मध्याह्न भोजन, निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, विद्यालय किट, आइसीटी व व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है, ताकि बच्चे पढ़ते-पढ़ते अपना रोजगार ढूंढ़ सकें. कार्यक्रम में जिले के मुखिया, बीइइओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी व झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय के सभी पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे.
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