चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरायी हुई है. जगह-जगह कूड़ा-कचरे का ढेर जमा हो गया है, जिससे लोगों को बदबू, मच्छरों और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य कारण नगर परिषद की धीमी और अनियमित सफाई व्यवस्था है. साथ ही कचरे के निस्तारण के लिए उचित व्यवस्था का न होना भी बड़ी समस्या बन चुकी है. नगर परिषद हर माह लगभग 10 लाख रुपये खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल है. नियमित सफाई नहीं होने से मोहल्लों, बाजारों और सड़कों पर कूड़े के ढेर आम दृश्य बन चुके हैं.अचिवर कंपनी को मिला जिम्मा पर नियमित उठाव नहीं
शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा अचिवर कंपनी को सौंपा गया है, लेकिन कंपनी की ओर से नियमित रूप से कचरा उठाव नहीं किया जा रहा है. परिणामस्वरूप, लगभग हर वार्ड, चौक-चौराहे और बाजार क्षेत्र में कूड़े का अंबार देखा जा सकता है. हालांकि, नगर परिषद ने 5 सुपरवाइजर और 43 सफाईकर्मी नियुक्त किये हैं, फिर भी सफाई का अभाव बना हुआ है. यह स्थिति लोगों के स्वास्थ्य और जनजीवन दोनों पर खतरा बन गयी है.गंदगी से नालियां जाम, मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा
कूड़े के ढेर, गंदगी से भरी नालियां और जलजमाव ने मच्छरों के प्रकोप को बढ़ा दिया है. डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है. शहरवासी इस लचर व्यवस्था से गंभीर रूप से प्रभावित हैं, लेकिन नगर परिषद की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.
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