चाईबासा. चाईबासा चेंबर के पदाधिकारियों की बैठक मंगलवार को गांधी टोला स्थित अस्थायी कार्यालय में हुई. इसकी अध्यक्षता अध्यक्ष संजय चौबे ने की. सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि जिन्हें चाईबासा चेंबर कार्यसमिति ने निष्कासित कर दिया है, वे निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए चेंबर की छवि को धूमिल कर रहे हैं. इसका पटाक्षेप चेंबर के सम्मानित सदस्यों के लिए होना नितांत आवश्यक है. चाईबासा चेंबर का कोष पूर्णतः सुरक्षित है. चेंबर का नाम, साख आदि का दुरुपयोग कोई नहीं कर सकता है. चाईबासा चेंबर एकजुट है. इसके सभी 490 सदस्य सजग व जागरूक हैं. आवश्यकता पड़ने पर चाईबासा चेंबर वैसे व्यक्ति अथवा समूह पर आवश्यक कानूनी कार्यवाई सुनिश्चित करने के लिए बाध्य होगा. चाईबासा चेंबर के अध्यक्ष संजय चौबे ने कहा कि चाईबासा चेंबर की स्थापना वर्ष 2001 में हुई. स्थापना काल से वर्ष 2009 तक अनूप सुल्तानिया ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए चेंबर का संचालन किया. उस दौरान सदस्यता शुल्क, नवीकरण शुल्क, खर्च आदि का विवरण नहीं मिला. वर्ष 2009 में प्रथम चुनाव से पूर्व अपने एकाधिकार का प्रयोग करते हुए अनूप सुल्तानिया मुख्य चुनाव पदाधिकारी के पद पर आसीन हो गये, जबकि चेंबर में उनसे ज्यादा प्रतिभावान सदस्य उस पद के लिए थे. वर्ष 2012 में संविधान संशोधन के क्रम में खुद को संस्थापक घोषित कर आजीवन मनोनीत सदस्य का पद निर्वाचित कार्यसमिति में सुरक्षित कर लिया. वर्ष 2021 तक अपने अनुसार स्वहित व राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए चेंबर को संचालित करने का कुप्रयास किया.
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