Bokaro News : खैराचातर का पुरुलिया रोड गांव का सबसे व्यस्त और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाका है.
Bokaro News : दीपक सवाल, कसमार.
कसमार प्रखंड का मुख्य व्यापारिक केंद्र खैराचातर न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि सीमावर्ती जरीडीह प्रखंड और पश्चिम बंगाल के दर्जनों गांवों के लिए भी खरीद-बिक्री का प्रमुख केंद्र है. इसे कसमार प्रखंड की हृदयस्थली कहा जाता है, लेकिन विडंबना यह है कि यहां की सड़कें बदहाली की मार झेल रही हैं. नतीजतन, खरीदारी के लिए आने वाले लोगों के साथ-साथ इस मार्ग से गुजरने वाले यात्री भी भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं.पुरुलिया रोड : भीड़ और बदहाली का संगम :
खैराचातर का पुरुलिया रोड गांव का सबसे व्यस्त और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाका है. सड़क के दोनों किनारों पर कदम-कदम पर दुकानें हैं, लेकिन सड़क की हालत ऐसी है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. विशेषकर मध्य विद्यालय और सरकारी अस्पताल के पास की स्थिति अत्यंत दयनीय है. बरसात में मध्य विद्यालय के समीप तालाबनुमा दृश्य बन जाता है, जहां पानी और कीचड़ जमकर बजबजाने लगता है. मध्य विद्यालय से सटा हुआ एक गली तो गंदगी का अड्डा बन गया है. यहां फैली बदबू के कारण आसपास रहने वालों और स्कूल के बच्चों की हालत खराब रहती है. राहगीरों को भी इस मार्ग से गुजरना कठिन हो जाता है.बसरिया-खैराचातर मार्ग : कीचड़ और जलजमाव :
बसरिया और खैराचातर को जोड़ने वाला रास्ता भी लंबे समय से जर्जर है. जगह-जगह कीचड़ और जलजमाव के कारण लोगों का आवागमन कठिन हो गया है. बरसात में हालात और भी बिगड़ जाते हैं, जिससे दुपहिया वाहन सवार और पैदल यात्री बराबर परेशान होते हैं.मुस्लिम मुहल्ला : रास्ता अवरुद्ध, जीवन अस्त-व्यस्त :
खैराचातर का मुस्लिम मोहल्ला सड़क बदहाली का सबसे बड़ा शिकार है. यहां जाने के लिए एकमात्र रास्ता बड़े-बड़े गड्ढों और पानी-कीचड़ से भरा हुआ है. कुछ लोगों द्वारा इस रास्ते की मरम्मत में बाधा डालने से स्थिति और बिगड़ गयी है. इस एकमात्र मार्ग से न केवल मुस्लिम परिवारों के दर्जनों घर जुड़े हैं, बल्कि एक प्राथमिक विद्यालय, दो निजी विद्यालय, मंदिर, मस्जिद, महिला प्रशिक्षण केंद्र, श्मशान घाट और कब्रिस्तान भी इसी रास्ते से पहुंचा जा सकता है. ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लिखित आवेदन देकर मरम्मत की मांग की, लेकिन हालात जस-के-तस हैं.अन्य मुहल्लों का हाल भी खराब :
खैराचातर के बनिया टोला की सड़कें भी कई जगहों पर टूटी हुई हैं. मुख्य पथ पर कुछ स्थानों पर घरों का गंदा पानी सीधे सड़क पर बहा दिया जाता है, जिससे दुर्गंध फैलने के साथ-साथ राहगीरों को चलना मुश्किल हो जाता है. मुख्य पथ में भी कहीं कहीं जलजमाव होता है.व्यापार और जनजीवन पर असर :
खैराचातर का बाजार क्षेत्र प्रतिदिन सैकड़ों खरीदारों और व्यापारियों से गुलजार रहता है. जरीडीह, पेटरवार और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती गांवों से यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं. लेकिन सड़कों की बदहाली के कारण न केवल व्यापार प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्कूली बच्चों, मरीजों और रोजाना आने-जाने वाले लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गयी हैं.स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सड़कें सही होने से बाजार में ग्राहकों की आवाजाही बढ़ेगी और कारोबार में भी तेजी आयेगी. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से शिकायत करने के बावजूद अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
मरम्मत की सख्त जरूरत :
गांव के सौरभ राय, राहुल जायसवाल, यूनुस अंसारी, रोमेल अंसारी, अनवर अंसारी आदि ग्रामीणों का मानना है कि खैराचातर की सड़कों का तत्काल मरम्मत कार्य होना चाहिए. बरसात खत्म होते ही सड़क निर्माण और नाली व्यवस्था में सुधार की दिशा में काम शुरू किया जाना चाहिए. खासकर पुरुलिया रोड, मुस्लिम मोहल्ला मार्ग, बसरिया रोड और बनिया टोला की सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाये, ताकि इस प्रमुख व्यापारिक केंद्र का स्वरूप सुधर सके और आवागमन सुगम हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

