बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी मैट्रिक व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2026 में विद्यार्थियों के परिणाम को बेहतर बनाना था. मौके पर अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, सहायक परियोजन पदाधिकारी अविनव सिन्हा समेत अन्य उपस्थित थे.
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं : उपायुक्त
उपायुक्त ने कहा कि बोकारो को राज्य के टॉप थ्री जिलों में लाने के लिए सभी शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन को समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा. विद्यार्थियों को यह समझाना आवश्यक है कि सफलता मेहनत से ही मिलती है, इसका कोई शॉर्टकट नहीं होता. उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि वे अपने विद्यालयों में अध्ययन वातावरण को सुदृढ़ करें और प्रत्येक छात्र तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पहुंचाना सुनिश्चित करें.
प्रखंडवार पैनल में होंगे सभी विषयों के डेडिकेटेड टीचर्स
उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड स्तर पर सभी विषयों के डेडिकेटेड शिक्षकों का पैनल तैयार किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी विद्यालय में शिक्षण सहयोग उपलब्ध कराया जा सके. उन्होंने निर्देश दिया कि शिक्षकों का यह पैनल छात्रों की टेस्ट सीरीज, प्रि-टेस्ट और परिचर्चा सत्रों में भी सक्रिय भूमिका निभायें.छह नवंबर से शुरु होगी टेस्ट सीरीज
बैठक में बताया गया कि जिले के सभी विद्यालयों में आगामी छह नवंबर से टेस्ट सीरीज प्रारंभ की जायेगी. प्रत्येक टेस्ट में किसी एक विषय के 2 पाठों से प्रश्न पूछे जायेंगे. इस प्रकार कुल पांच टेस्ट सीरीज आयोजित की जायेंगी, जबकि छठी टेस्ट सीरीज में पूरे पाठ्यक्रम से प्रश्न शामिल होंगे. कहा कि प्रत्येक टेस्ट के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाये और उसी दिन अपराह्न में कक्षा चर्चा कर छात्रों को फीडबैक दिया जायेगा. इससे बच्चों को अपनी गलतियों को समझने और सुधारने का अवसर मिलेगा.
नियमित समीक्षा और छात्र-वार विश्लेषण
उपायुक्त ने सभी विद्यालयों को निर्देश दिया कि टेस्ट सीरीज के परिणामों का छात्र वार- विद्यालय वार विश्लेषण किया जाये और उसी के आधार पर मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की जाये. उन्होंने कहा कि किसी भी टेस्ट में सभी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये और अनुपस्थित विद्यार्थियों से कारण पूछा जाये.बच्चों को प्रोत्साहित करें – प्री टेस्ट और परिचर्चा में बढ़ाएं भागीदारी
उपायुक्त ने प्रधानाध्यापकों से कहा कि विद्यार्थियों को प्री-टेस्ट और परिचर्चा सत्रों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि वे परीक्षा के प्रारुप से भलीभांति परिचित हो सकें. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ायेंगे और परिणामों में सकारात्मक बदलाव लायेंगे.
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