डीसी ने कहा कि रेडक्राॅस ब्लड सेंटर का लाइसेंस नवीनीकरण व जरूरी औपचारिकताएं पूर्ण होने तक सदर अस्पताल बोकारो के एक्सटेंशन के रूप में रेडक्राॅस ब्लड बैंक का संचालन होगा. इस व्यवस्था से ब्लड सेंटर का कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा. आमजन को रक्त आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा नहीं आयेगी. ब्लड सेंटर की संचालन व्यवस्था, सुरक्षा मानक व एसओपी का पूर्ण अनुपालन की जिम्मेदारी सिविल सर्जन को दी गयी है. सीएस डॉ प्रसाद प्रतिदिन की रिपोर्ट डीसी कार्यालय को भेजेगें. किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई करेंगे.
नियमावली की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन करेंगे
डीसी ने कहा कि रेडक्राॅस ब्लड सेंटर की कार्यप्रणाली व नियमावली की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन करेंगे. टीम रेडक्राॅस के संचालन, रिकॉर्ड प्रबंधन, रक्त परीक्षण की प्रक्रिया व रक्तदाताओं के पंजीकरण से संबंधित सभी बिंदुओं की जांच करेगी. टीम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना व संचालन में सुधार के लिए व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत करना होगा. रेडक्राॅस की प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एसडीओ चास को तत्काल प्रभाव से रेडक्रास बोकारो का प्रशासक नियुक्त किया गया है. प्रशासक रेडक्राॅस की संपूर्ण गतिविधियों की निगरानी करेंगे. संचालन से जुड़ी प्रत्येक गतिविधि की जानकारी जिला प्रशासन को देंगे.
निरीक्षण के दौरान किट से जांच करते पाये जाने पर रद्द होगा लाइसेंस, सीएस करेंगे मॉनिटरिंग
डीसी ने कहा कि किसी भी ब्लड सेंटर में रैपिट किट से ब्लड जांच नहीं की जायेगी. यदि किसी संस्थान में इस प्रकार की जांच पाई जाती है, तो उस ब्लड सेंटर का लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिया जायेगा. रक्त परीक्षण की प्रक्रिया पूर्ण वैज्ञानिक व प्रमाणित विधियों (इएलआइएसए) से की जानी चाहिए, ताकि जनस्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं हो. नये सदस्यों को भी रेडक्राॅस से जोड़ने को लेकर अभियान चलायें. किसी व्यक्ति द्वारा आर्थिक लाभ के लिए बार-बार रक्तदान किया जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. हर डोनर का वेरीफाइड रिकॉर्ड रखना अनिवार्य किया गया है.
थैलेसीमिया पीड़ितों को नहीं होगी रक्त की दिक्कत, टीम रक्त की जरूरत का करेगी आकलन
डीसी ने कहा कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों व रोगियों को रक्त की कमी का सामना नहीं करना पड़े. इसके लिए तीन चिकित्सकों का पैनल बनाये. यह टीम प्रत्येक मामले में रोगी की रक्त आवश्यकता का आंकलन करेगी. समय पर रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी. थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे समाज की जिम्मेदारी हैं. उनके लिए रक्त की आपूर्ति प्राथमिकता आधारित व्यवस्था के तहत की जायेगी. रेडक्राॅस व अन्य ब्लड सेंटरों में प्रोफेशनल डोनर्स व अवांछित तत्वों की गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जायेगी.मासिक समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जाये
डीसी ने कहा कि ब्लड सेंटर जैसे संवेदनशील सार्वजनिक संस्थान में पारदर्शिता व मानक संचालन प्रक्रिया का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. प्रत्येक ब्लड सेंटर की मासिक समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जाये. ब्लड बैंक संचालन से संबंधित सभी सूचनाएं जिला स्वास्थ्य समिति को नियमित रूप से भेजी जाये. मौके पर एसपी हरविंदर सिंह, एसी मो मुमताज अंसारी, एसडीओ प्रांजल ढांडा, सीएस डॉ अभय भूषण प्रसाद, नोडल पदाधिकारी पियूष, डीएसडब्लूओ डॉ सुमन गुप्ता, डीइओ जगरनाथ लोहरा, डीएसइ अतुल कुमार चौबे, सदर ब्लड बैंक प्रभारी डॉ मैथिली ठाकुर, एडीपीआरओ अविनाश कुमार सिंह, रेडक्राॅस सोसाइटी चेयरमैन बीडी मिश्रा, सचिव एसएन राय आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

