राकेश वर्मा, बेरमो, बेरमो कोयलांचल में फिलहाल सीसीएल के तीन एरिया की नौ खदानें रनिंग में हैं और सालाना लगभग 150 लाख टन (15 मिलियन टन) कोयला उत्पादन किया जा रहा है. पूर्व में तीनों एरिया में दो दर्जन से ज्यादा ओपेन कास्ट व भूमिगत खदानों से उत्पादन होता था. फिलहाल बीएंडके एरिया से 80 लाख टन, ढोरी से 50 लाख टन तथा कथारा से 30 लाख टन उत्पादन हो रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में तीनों एरिया का उत्पादन लक्ष्य करीब 21 मिलियन टन है. पूर्व में कोयला उत्पादन पूरी तरह विभागीय हुआ करता था. एक एरिया से मुश्किल से सालाना 15-20 लाख टन उत्पादन होता था. वर्तमान में आउटसोर्स का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है. बड़ी-बड़ी आउटसोर्स कंपनियां कोयला उत्पादन के साथ-साथ ओबी निस्तारण व कोल ट्रांसपोर्टिंग भी कर रही हैं. बेरमो कोयलांचल के भू गर्भ में लाखों टन कोयला है और आगामी 50 साल तक आसानी से खनन किया जा सकता है.
किस एरिया में चल रही हैं खदानें
बीएंडके एरिया में एकेके परियोजना, कारो ओसीपी, बोकारो कोलियरी, ढोरी एरिया में एएओडीसीएम, एसडीओसीएम,
ढोरी खास यूजी माइंस और कथारा एरिया में जारंगडीह, स्वांग-गोविंदपुर ओसीपी व कथारा कोलियरीपहले किस एरिया में थीं कितनी माइंस
बीएंडके एरिया
में बेरमो सीम इंकलाइन, केएसपी फेज दो इंकलाइन, कारो सीम इंकलाइन, केएसपी में दो इंकलाइन करगली पीट,12 फीट इंकलाइन, करगली ओसी, ढोरी पैच, बोकारो कोलियरी, खासमहल परियोजना, कथारा एरिया में जारंगडीह ओसी, जारंगडीह यूजी, कथारा कोलियरी, गोविंदपुर ओसी, गोविंदपुर यूजी, स्वांग ओसी, स्वांग यूजी, ढोरी एरिया में अमलो परियोजना, कल्याणी परियोजना, कारीपानी माइंस, ढोरी खास यूजी माइंस, एनएसडी इंकलाइन, तारमी ओसी, पिछरी ओसी, अंगवाली ओसीआने वाली नयी परियोजनाएं
बीएंडके एरिया में एकेके व कारो में कोल हैंडलिंग प्लांट, करगली वाशरी के स्थान पर एक नयी वाशरी, कथारा वाशरी के स्थान पर एक नयी वाशरी, स्वांग वाशरी के स्थान पर एक नयी वाशरी, बंद पिपराडीह माइंस, ढोरी एरिया में कोल हैंडलिंग प्लांट, ढोरी एरिया में वाशरी, बंद पिछरी खदान, बंद अंगवाली खदान-डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

