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Bokaro News : कोयले का लोकल सेल बंद होने से हजारों को परेशानी

Bokaro News : बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल की कोलियरियों में संचालित कोयले का लोकल सेल बंद है.

राकेश वर्मा, बेरमो, बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल की कोलियरियों में संचालित कोयले का लोकल सेल बंद है. कहीं एक, कहीं दो तो कहीं पांच माह से बंद है. इसका कारण है कोयले के ग्रेड में बदलाव और एक अक्तूबर से कोयला डिस्पैच में अनिवार्य सैंपलिंग लागू किया जाना. लोकल सेल बंद रहने से कोल बिडर्स के अलावा कोल लिफ्टर, ट्रक ऑनर, चालक, लोडिंग मजदूर, ग्रामीण, पार्ट्स दुकानदार व बाजार प्रभावित हुए है.

बेरमो कोयलांचल में सीसीएल के तीन एरिया की छह कोलियरियों में वर्षों से कोयले का लोकल सेल संचालित हैं. बीएंडके एरिया में एकेके व कारो परियोजना, ढोरी एरिया में कल्याणी व अमलो परियोजना तथा कथारा एरिया में जारंगडीह व स्वांग-गोविंदपुर परियोजना शामिल हैं. स्वांग-गोविंदपुर परियोजना में चलने वाले कोयले के लोकल सेल में करीब 500 ट्रकें थे, जिसमें से कई बिक गये हैं. यहां के लोकल सेल से जुड़े लोगों का कहना है कि मई माह से लोकल सेल बंद है और सैकड़ों लोग बेहाल हैं. कई लोग कर्ज में डूब गये हैं. जमीन, जेवर व सोना बेचने को विवश हैं. जानकारी के अनुसार यहां लोकल सेल में दिये जाने वाला कोयले का ग्रेड वाशरी तीन व चार है, जिसे वाशरी ग्रेड-2 कर दिया गया है. इसके कारण कोयले का दाम बढ़ गया है. पांच माह से प्रबंधन ने कोयले का ऑफर नहीं भेजा तो लोकल सेल से जुड़े लोगों ने बैठक कर आंदोलन की चेतावनी दी. इसके बाद इस माह प्रबंधन ने ऑफर भेजा है. अब कोल सैंपलिंग का विवाद गहरा गया है.

कथारा एरिया की जारंगडीह परियोजना में भी 15 दिनों से लोकल सेल बंद है. ढोरी एरिया की कल्याणी परियोजना में भी दो माह से लोकल सेल बंद है, जिसका मुख्य कारण कोयले का हाई ग्रेडेशन कर दिया जाना है. इस वजह से सेल से जुड़े लोगों ने बिडिंग ही नहीं की. इस माह फिर से प्रबंधन ने कोयले का ऑफर भेजा है, जिसकी बिडिंग का डेट 17-18 अक्तूबर है. बीएंडके एरिया की खासमहल कोनार परियोजना का लोकल सेल दुर्गा पूजा के समय से ही सैंपलिंग के मामले को लेकर बंद है. इसको लेकर डीओ होल्डर, ट्रक ऑनर, लिफ्टर व लोडिंग मजदूरों ने पांच अक्टूबर को कांटा घर बंद करा कर प्रदर्शन किया था. सात अक्टूबर को परियोजना परिसर में जुलूस निकाल कर सीएमडी तथा महाप्रबंधक के नाम मांग पत्र भी सौंपा. इसी एरिया की कारो परियोजना के लोकल सेल में भी विरोध लगातार जारी है. कोयला उठाव में वैलिडिटी के कारण कोयला व्यवसायी कोयला का उठाव तो कर रहे हैं, परंतु डिस्पैच में अनिवार्य सैंपलिंग की व्यवस्था का विरोध भी कर रहे हैं. इसको लेकर तीन दिन पूर्व भी विरोध प्रदर्शन भी हुआ है. ढोरी एरिया की अमलो व कल्याणी परियोजना में भी कोयला डिस्पैच में अनिवार्य सैंपलिंग का विरोध जारी है. लोकल सेल से जुड़े लोग इस मामले को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है और चरणबद्ध आंदोलन के घोषणा की है. पूरे सीसीएल का कोल डिस्पैच रोकने व चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी गयी है.

तीन हजार से ज्यादा ट्रक हैं खड़े

बेरमो की छह कोलियरियों में कोयले का लोकल सेल बंद रहने के कारण लगभग तीन हजार से ज्यादा ट्रक खड़े हो गये हैं. कई ट्रक ऑनर अपने वाहनों को बोकारो के बालीडीह भेज कर चलवा रहे हैं. लोकल सेल में चलने वाले एक ट्रक से कम से कम 20 लोगों का रोजी-रोटी जुड़ा होता है.

क्या है अनिवार्य सैंपलिंग का मामला

एक अक्टूबर से लागू कोयला डिस्पैच में अनिवार्य सैंपलिंग को लेकर लोकल सेल से जुड़े लोगों में कोल इंडिया प्रबंधन के खिलाफ गहरा आक्रोश है. उनका कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से कोयला व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होगी. पहले 18 फीसदी जीएसटी लगा कर कोयला व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ लादा गया है. अब सैंपलिंग का मामला सामने आया है. जबकि सीसीएल सैंपलिंग कर कोयला का ग्रेड तय करने के बाद ही बिडिंग करती है. ऐसे में फिर से सैंपलिंग का क्या मतलब है. बड़े-बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह किया जा रहा है. लोकल सेल के कोयले का फिर से सैंपलिंग नहीं होना चाहिए.

कोल इंडिया के डीटी (मार्केटिंग) से मिले बिडर्स

कोयला डिस्पैच में अनिवार्य सैंपलिंग लागू करने के विरोध में सीसीएल, बीसीसीएल व इसीएल के दर्जनों कोल बिडर्स शनिवार को कोल इंडिया मुख्यालय में कोल इंडिया के डीटी (मार्केटिंग) से मिले. डीटी मार्केटिंग ने एक सप्ताह के अंदर जानकारी देने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में बेरमो के जितेंद्र कुमार सिंह भी शामिल थे.

10 फीसदी कोयला का ऑफर आता है लोकल सेल में

मालूम हो कि फिलहाल कोल इंडिया में रेलवे रैक से कोयले का डिस्पैच बढ़ गया है. कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों से लगभग 80-90 फीसदी कोयला कोल इंडिया अपनी रेलवे साइडिंग से देश के पावर व स्टील प्लाटों में भेजती हैं. 10-15 फीसदी कोयला ही लोकल सेल में आवंटित किया जाता है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में सिर्फ सिर्फ सीसीएल से 16318 रेलवे रैक से कोल डिस्पैच किया गया था.

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