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तीन संचालकों के मकड़जाल में फंसी खुंटरी जलापूर्ति योजना

जरीडीह समेत चास प्रखंड के हजारों घरों में जल संकट गहराया

विप्लव सिंह , जैनामोड़.

जरीडीह प्रखंड के खुंटरी जलापूर्ति योजना जरीडीह प्रखंड के आठ पंचायत व चास प्रखंड के दो पंचायतों की जनता की इस भीषण गरमी में प्यास बुझाने में विफल साबित हो रही है. इस भीषण गर्मी में लोग सुबह जलापूर्ति योजना से पानी सप्लाई आने की आस में बाल्टी खाली रखते हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश जलापूर्ति नहीं हुई तो लोगों को पानी के दर-दर भटकना पड़ता है. ऐसे में अब सवाल यह उठने लगा है कि सरकार ने जिस जलमीनार के निर्माण पर करोड़ों खर्च किये हैं, उस जरीडीह प्रखंड के लोगों के घरों में पानी क्यों नहीं पहुंच रहा है. लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए क्यों परेशान हैं. इस जलापूर्ति योजना के मुताबिक जरीडीह समेत चास प्रखंड के हजारों घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है. इसी जलापूर्ति योजना से जैनामोड़ व तुपकाडीह के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति की जाती है. इस भीषण गर्मी में कई घरों के बोरिंग फेल हो चुके हैं. ऐसे में उनके लिए खुंटरी जलापूर्ति योजना ही एक मात्र विकल्प है.

हल्की खराबी में भी हो जाती हैं सप्लाई पानी बंद : सरकार द्वारा खुंटरी पानी टंकी से वाटर सप्लाई स्कीम फेज वन और फेज टू के तहत जैनामोड़, टांड़बालीडीह, तुपकाडीह, बांधडीह आदि जगहों में जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन इस भीषण गर्मी में कुछ भी तकनीकी खराबी होने पर संचालक द्वारा जलापूर्ति नहीं की जाती है. वहीं गुरुवार को जैनामोड़ में जलापूर्ति की जानी थी, लेकिन ग्रामीणों को पानी सप्लाई नहीं दी गयी. इसी महीने मात्र पांच से छह दिन ही पानी मिला है. बाकी दिन ट्रांसफाॅर्मर की खराबी व टेक्निकल खराबी की बात कह कर जलापूर्ति नहीं की गयी. जबकि प्रतिदिन जलापूर्ति की सोच के साथ विभाग ने खुंटरी पानी टंकी के परिसर में करोड़ों की लागत से नया फेज टू पानी टंकी का निर्माण कराया है, लेकिन वह भी लोगों की प्यास बुझाने में विफल है.

खराबी आने पर पल्ला झाड़ लेते हैं संचालक :

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अनुसार खुंटरी जलापूर्ति योजना को फिलहाल पांच साल के लिए संवेदक विनोद लाल को चलाना है. अभी मात्र मात्र दो साल ही हुआ है. पांच साल तक वसूले गये जल कर की राशि का उपयोग खुंटरी पानी टंकी को चलाने के लिए किया जायेगा. इधर, इस योजना को चलाने के लिए संवेदक विनोद लाल ने पूर्व में योजना को संचालित कर रहे लाभुक समिति को जिम्मा दे दिया. फिर संवेदक ने कुछ कारणों से लाभुक समिति को भी मना कर दिया. अब ऐसी स्थिति में खुंटरी पानी टंकी में कुछ भी खराबी आती है तो सभी संचालक पल्ला झाड़ लेते हैं. मालूम हो कि इस योजना को बहु पंचायत पेयजल स्वच्छता समिति के मुखिया व लाभुक समिति के सदस्यों द्वारा संचालित किया जा चुका है. संवेदक से पूर्व चार साल के लिए लाभुक समिति द्वारा इस योजना को चलाया गया. इसके बाद जब संवेदक को चलाने के लिए विभाग ने दिया तो संवेदक ने इस जिम्मेवारी को फिर से लाभुक समिति को दे दिया.

जनप्रतिनिधि भी नहीं ले रहे हैं इस योजना की सुध :

एक तरफ जहां जनता मूलभूत सुविधा के लिए जनप्रतिनिधि को चुनते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि सिर्फ योजना का शिलान्यास और उद्घाटन करने तक ही अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. इसके बाद योजनाओं को ठेकेदार लूट ले या फिर योजना ठेकेदारी की भेंट चढ़ जाए, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं होता है. क्षेत्र में सांसद जहां लोकसभा चुनाव की तैयारी में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर बेरमो विधायक भी धनबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरी अपनी पत्नी के लिए जनता के बीच हैं. इस भीषण गर्मी में पेयजल संकट में घिरी जरीडीह की जनता भगवान भरोसे है.

बोले विभाग के अधिकारी :

इधर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जेइ सुनील कुमार ने कहा कि जलापूर्ति योजना चलाने की जिम्मेदारी संवेदक विनोद लाल को दी गयी है. लेकिन संवेदक ने वहीं के लोगों को योजना की देख-रेख व चलाने की जिम्मेदारी दे दी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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