बेरमो, तीन-चार साल से शिफ्टिंग समस्या से जूझ रहा सीसीएल बीएंडके एरिया अंतर्गत कोल इंडिया की मेगा प्रोजेक्ट में शुमार कारो ओसीपी एक बार फिर से उत्पादन-उत्पादकता में पटरी पर लौटता दिख रहा है. माइंस विस्तार के बाद नवंबर माह से उत्पादन बढ़ जाने की उम्मीद है. प्रबंधन के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 13 अक्तूबर तक परियोजना ने 11.88 लाख टन कोयला उत्पादन किया है. जबकि इसी अवधि तक 18.98 लाख घन मीटर ओबी का निस्तारण कर लिया गया है. गत वित्तीय वर्ष में परियोजना ने 10 लाख घन मीटर ओबी का निस्तारण किया था. प्रबंधन के अनुसार कारो माइंस के विस्तार के लिए पहले फेज में तीन हजार पेड़ काटे गये हैं और स्थल पर फिलहाल सड़क बनाने का काम चल रहा है. नवंबर माह से इस पैच से कोयला उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. नये पैच से रोजाना नौ हजार घन मीटर टन ओबी निस्तारण तथा 15 हजार टन कोयला उत्पादन होगा. फिलहाल कारो ओसीपी से रोजाना नौ हजार टन कोयला उत्पादन किया जा रहा है. मालूम हो कि चालू वित्तीय वर्ष में कारो ओसीपी का कोयला उत्पादन व ओबी निस्तारण का लक्ष्य 45-45 लाख टन है.
11.24 लाख टन लोडिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन का हुआ टेंडर
जानकारी के अनुसार सीसीएल मुख्यालय ने कारो ओसीपी टू कारो रेलवे साइडिंग पीएफ-2 के लिए निविदा निकाली थी. 11.24 लाख टन लोडिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन कारो ओसीपी से कारो रेलवे साइडिंग पीएफ-टू (इनक्लूडिंग क्रसिंग थ्रू मोबाइल क्रशर) के काम की प्राक्कलन राशि 9,4584,600 रुपये थी. इस काम को 225 दिन में पूरा करना है. निविदा में 8,84,36,601 रुपये में ददन सिंह एलएलपी नामक कंपनी को एल-वन घोषित किया गया है. हालांकि अभी काम अवार्ड होना बाकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

