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झारखंड का एक ऐसा गांव, जहां हर घर के एक-दो लोगों ने की है रेलवे में नौकरी

बोकारो जिला का एक गांव है बिरहोर डेरा, जहां हर घर के एक-दो लोगों ने रेलवे में नौकरी की है. सभी ग्रामीणों का रेलवे से एक गहरा रिस्ता है.

बोकारो (ललपनिया), नागेश्वर : बोकारो जिला में गोमिया प्रखंड अंतर्गत सियारी पंचायत के बिरहोर डेरा गांव के हर घर के एक-दो लोगों ने रेलवे की नौकरी की है. यह गांव गोमिया प्रखंड अंतर्गत सियारी पंचायत में आता है. यहां 20-25 आदिवासी परिवार रहते हैं. गांव जिनगा पहाड़ के तलहटी में बसा है. इस गांव की सबसे खासियत है कि रेल विभाग मे हर घरों मे एक दो व्यक्ति को नौकरी मिली है. बिरहोर डेरा के सभी ग्रामीणों का रेलवे से एक रिस्ता है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि रेल विभाग मे तीन पुस्तों से काम कर रहे हैं. ग्रामीणो को काफी उम्मीदे है कि विरहोर डेरा गांव को विकास पर गोद लेकर यहां के आदिवासियों के जीवन स्तर उठाने पर सहयोग करें.

रेलवे विभाग से बिरहोर डेरा गांव के ग्रामीणों का एक रिस्ता

वर्ष 1932 में गोमो-बरकाकाना रेल लाइन बिछ रही थी. इससे पूर्व पुल-पुलिया के निर्माण कार्य में रेलवे द्वारा पास के बिरहोर डेरा गांव के युवाओं को काम में लगाया गया था. उस समय ग्रामीण काम करना नहीं चाहते थे. अधिकारियों द्वारा समझा-बुझा कर काम में लगाया जाता था. गांव के 20- 25 लोग कार्य करने लगे. बाद में सभी की नौकरी स्थायी कर दी गयी. वे सभी लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इसमें मंगरा मांझी, सुरजा मांझी, सनकु मांझी, हुलसा मांझी, सुकु मांझी, तालो मांझी, रामजी मांझी आदि शामिल हैं. स्व. सुरजा मांझी की पत्नी राजमुनी देवी को पेंशन मिल रही है. अभी मात्र बिहारी हेंब्रम अनुकंपा के आधार पर रेलवे में नौकरी कर रहा है.

गांव के पास अंडर पास निर्माण की मांग

बिरहोर डेरा के ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे से हमलोगों का एक रिश्ता है. उम्मीद है कि रेलवे गांव को गोद लेकर यहां के लोगों का जीवन स्तर उठाने में सहयोग करेगा. गांव के सटे रेलवे लाइन में जब ट्रेनें गुजरती है तो अपने पूर्वजों को याद करते हैं. गौरव होता है कि रेलवे के विकास में हमारे पूर्वजों को भी योगदान रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोगों के खेत रेलवे लाइन के पार टुटीझरना की ओर हैं. रेलवे लाइन के कारण खेत आने-जाने में परेशानी होती है.

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गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर मांझी ने कहा कि बिरहोर डेरा गांव के समीप रेलवे को अंडर पास पथ का निर्माण कराना चाहिए. इससे बिरहोर डेरा के अलावा काशीटांड़ और असनापानी के ग्रामीणों को आवागमन में सहूलियत होगी. इस संबंध में सांसद को आवेदन दिया गया है. वर्ष 2022 में यहां दौरा में आये डीआरएम को भी रेल मंत्री के नाम स्मार पत्र सौंपा गया था. ग्रामीण रामजी मांझी, बुधन सोरेन, रामेश्वर सोरेन, जगदीश हेंब्रम, मोतीलाल हेंब्रम, अशोक हेंब्रम, किसुन हेंब्रम, तालो देवी, बसंती देवी, पार्वती देवी, छोटकी देवी ने रेलवे और राज्य सरकार से गांव को गोद लेकर यहां का विकास करने की मांग की है.

Nutan kumari
Nutan kumari
Digital and Broadcast Journalist. Having more than 4 years of experience in the field of media industry. Specialist in Hindi Content Writing & Editing.

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