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Bokaro News : पत्थरकट्टा साइड में आधा दर्जन सड़कें कच्ची व जर्जर

Bokaro News : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में विस्थापितों ने सुनायीं जनसमस्याएं

Bokaro News : चास. प्रभात खबर आपके द्वार का आयोजन रविवार को चास नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 35 स्थित विस्थापित गांव पत्थरकट्टा साइड में किया गया. इसमें सांगजोरी साइड, पत्थरकट्टा साइड और कुलटांड़ साइड के लोगों ने भाग लिया और कच्ची व जर्जर सड़कें, स्ट्रीट लाइट, नाली, साफ-सफाई सहित कई समस्याएं प्रभात खबर के साथ साझा कीं. पत्थरकट्टा साइड निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नितेश पांडेय, तपन पांडेय, अनिल बाउरी, अभिषेक पांडेय, रामधारी गोराईं, देवराज पांडेय सहित अन्य ने कहा कि हमलोग चास नगर निगम के वार्ड क्षेत्र में रहते हैं, लेकिन निगम की ओर से कोई सुविधा हमलोगों को नहीं मिलती है. आज भी यहां की लगभग आधा दर्जन सड़कें कच्ची हैं और आधा दर्जन की स्थिति जर्जर बनी हुई हैं. कहा कि बरसात के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. दर्जनों गलियों में पानी भर जाता है. लोगों को टुलू पंप लगाकर घर से बारिश का पानी निकलना पड़ता है.

मुख्य पथों के किनारे नाली निर्माण की मांग :

लोगों ने कहा कि निगम प्रशासन सभी मुख्य पथों के किनारे डीप नाली का निर्माण कराये, ताकि बरसात में लोगों को परेशानी ना हो. पत्थरकट्टा साइड के लोगों ने गांव के तालाब के जीर्णोद्धार की भी मांग की. कहा कि तालाब का जीर्णोद्धार होने से पूजा पाठ, श्राद्धकर्म सहित अन्य कार्यों में उन्हें सुविधा होगी.

पांच साल पहले जलापूर्ति की पाइपलाइन बिछी, लेकिन जलापूर्ति नहीं :

स्थानीय निवासी कृष्णा गोराईं, गोपी दीगर, सोमनाथ पांडेय, जवाहर मुंडा, जगदीश बाउरी आदि ने कहा कि पेयजलपूर्ति की पाइपलाइन का पांच साल पहले ही विस्तार किया गया है, लेकिन हमलोगों को पानी अभी तक नसीब नहीं हुआ है. कहा कि निगम कर्मी द्वारा जलापूर्ति की पाइपलाइन जोड़ने के नाम पर जगह-जगह खोदी गयी सड़क का समतलीकरण नहीं किया गया, जिससे आवागमन में बहुत परेशानी होती है. सड़क किनारे लगी दर्जनों स्ट्रीट लाइट खराब होने से अंधेरा पसरा रहता है. कहा कि पूरे पत्थरकट्टा साइड क्षेत्र में कहीं भी नाली का निर्माण नहीं किया गया है. चंदनकियारी मुख्य पथ सहित एक दर्जन गली में नाली निर्माण होना बहुत जरूरी है. पत्थरकट्टा साइड का आधा से ज्यादा क्षेत्र चंदनकियारी मुख्य पथ किनारे बसा हुआ है. बरसात में सड़क का पानी लोगों के घरों पर घुस जाता है. 10 वर्षों से विधायक, सांसद व निगम प्रशासन से नाली निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.

विस्थापित रैयतों को अपनी जमीन पर नहीं मिलता है लोन :

स्थानीय निवासी तारक पांडेय, भगीरथ पांडेय, शशि गोराईं सहित अन्य ने कहा कि हमलोग विस्थापित क्षेत्र में निवास करते हैं, लेकिन इस क्षेत्र के विकास पर न बीएसएल ध्यान दे रहा है, ना ही निगम प्रशासन. बीएसएल को जमीन देने के बाद डीपीएलआर द्वारा हमलोगों को पर्चा दिया गया था, विस्थापित की जमीन बीएसएल बेच व लीज पर दे सकता है, लेकिन विस्थापित रैयतों को बैंक से लोन नहीं मिलता है. जमीन होते हुए भी हमलोग लोन लेकर अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं और ना ही कोई व्यवसाय कर सकते हैं. सभी विस्थापितों को डीपीएलआर से प्राप्त जमीन मालिकाना हक मिलना चाहिए. कहा कि हमलोगों ने जमीन देकर बीएसएल को बसाया, उसके बदले हमलोगों को डीपीएलआर द्वारा जमीन प्राप्त हुआ लेकिन उस जमीन का होल्डिंग टैक्स निगम लेता है, जो गलत है. बीएसएल प्रबंधन को होल्डिंग टैक्स देना चाहिए. कहा कि वर्षों से सेल की ओर से विस्थापित क्षेत्र में सीएसआर के तहत कोई विकास कार्य नहीं किया गया है. लोगों ने कहा कि महीनों तक नाली जाम रहती है. जगह-जगह कचरे का अंबार लगा रहता है. नगर निगम का चुनाव नहीं होने से निगम क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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