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29 लाख रुपये की फर्जी बिल निकासी मामले में BSL के पूर्व CEO अनुतोष मैत्रा पर CBI कोर्ट में चलेगा मुकदमा

धनबाद CBI कोर्ट ने 29 लाख रुपये की फर्जी बिल निकासी मामले में BSL के पूर्व CEO अनुतोष मैत्रा समेत कई अधिकारियों के खिलाफ समन भेजा है. अब इस मामले में श्री मैत्रा के खिलाफ मुकदमा चलेगा. यह मामला वर्ष 2012 से 2015 के बीच का है.

Jharkhand News (बोकारो) : 29 लाख रुपये की फर्जी बिल निकासी मामले में BSL के पूर्व CEO अनुतोष मैत्रा पर मुकदमा चलेगा. इस संबंध में धनबाद CBI कोर्ट ने समन भेजा है. श्री मैत्रा के साथ-साथ राउरकेला स्टील प्लांट के रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजवीर सिंह, डॉ एन महापात्रा, शीतांशु प्रसाद, रिटायर्ड DGM अजय कुमार, मैनेजर जूलियस किरो और असिस्टेंट मैनेजर डीके जाधव के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल करते हुए समन भेजा गया है.

दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि यह मामला वर्ष 2012 से 2015 के बीच का है. इस दौरान 38 फर्जी बिल के माध्यम से पद का दुरुपयोग किया गया. इससे बोकारो स्टील प्लांट को 31 लाख 24 हजार 652 रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं, इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है.

इनमें बोकारो स्टील के AGM समरेंद्र झा, पूर्व सहायक रवींद्र सिंह, जनता टेंट हाउस के प्रोपराइटर जगमोहन सिंह, गोल्डेन पैलेस इन के मालिक तनवीर सिंह और अमरजीत कौर तथा सिटी सेंटर स्थित फर्निशिंग सेंटर के मालिक प्रमोद भालोटिया शामिल हैं.

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मैत्रा की बेटी की शादी में हुए खर्च के भुगतान को लेकर दिया गया थ फर्जी बिल

वर्ष 2019 में पूर्व CEO अनुतोष मैत्रा की बेटी की शादी में हुए खर्च का भुगतान फर्जी बिल पर कराने को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, जनता टेंट हाउस के प्रोपराइटर जगमोहन सिंह, गोल्डेन पैलेस इन के मालिक तनवीर सिंह और अमरजीत कौर तथा सिटी सेंटर स्थित फर्निशिंग सेंटर के मालिक प्रमाेद भालोटिया को फर्जी बिल देने का आरोपित बनाया गया था.

29 लाख रुपये का दावा चारों वेंडरों ने 45 बिल के जरिये कंपनी में जमा किया, जिसमें सबसे अधिक 38 बिल फर्निशिंग सेंटर के थे. इसमें जनता टेंट हाउस ने फर्नीचर सप्लाई करने के एवज में पैसा लिया था, जबकि गोल्डेन पैलेस इन के प्रोपराइटर ने टेंट लगाने और 450 लोगों के वीआईपी डिनर और स्नैक्स के नाम पर पैसा लिया था. वहीं, फर्निशिंग सेंटर ने पर्दा, सोफा कवर, बेडशीट सिलाई आदि के लिए पैसा लिया था.

सभी फर्जी बिल को अजय कुमार, राजवीर सिंह व डीके जाधव ने किया था पास

आरोप पत्र में कहा गया है कि पेश किये गये सभी फर्जी बिल को अजय कुमार व राजवीर सिंह के साथ डॉ एन महापात्रा ने पास किया था. कुछ विपत्र में अजय कुमार को, तो कुछ को डीके जाधव ने स्वीकार किया. वहीं, जगमोहन सिंह, समरेंद्र झा, रवींद्र सिंह, तनवीर सिंह और अमरजीत कौर ने CBI की विशेष न्यायालय में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराते हुए CBI के बयान का समर्थन किया था. बता दें कि इस मामले में अधिकतर आरोपी रिटायर हो चुके हैं.

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Posted By : Samir Ranjan.

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