सीसीएल कथारा कोलियरी आरओएम रोड सेल में भागीदारी सुनिश्चित करने और सेल संचालन कमेटी के पुनर्गठन की मांग को लेकर मंगलवार से स्थानीय ग्रामीणों और विस्थापितों द्वारा कोलियरी कांटा घर का अनिश्चितकालीन चक्का जाम शुरू किया गया. सुबह छह बजे ग्रामीण महिला व पुरुष कांटा घर पहुंचे और धरना में बैठे गये. इसके कारण खाली और लोड गाड़ियों का वजन नहीं हो सका और गाड़ियां दिन भर खड़ी रही. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कथारा हस्त लदनी कोयला मजदूर संघ एवं स्थानीय विस्थापित बेरोजगार समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा.
इधर, देर शाम ओपी प्रभारी राजेश प्रजापति द्वारा आंदोलनकारियों, डीओ होल्डरों, लिफ्टरों, स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ थाना परिसर में वार्ता करायी गयी. तय हुआ कि बुधवार को दोनों पक्षों के दस-दस प्रतिनिधियों की बैठक थाना प्रभारी की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें मांगों पर पहल की जायेगी. तब तक के लिए सेल को सुचारू रूप से चलने दिया जाये. इस पर आंदोलनकारी सहमत नहीं हुए और कहा कि जब तक वार्ता नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रहेगा. मौके पर बालेश्वर गोप, मथुरा सिंह यादव, गोविंद यादव, दशरथ महतो, नरेश यादव, प्रमोद कुमार सिंह, मंटू यादव, गोपाल यादव, राजेश्वर रविदास, राजेश रजवार, राजेंद्र यादव, इकबाल अहमद, इम्तियाज अंसारी, भुनेश्वर रजवार, ज्ञानेश्वर यादव, खिरोधर यादव, विजय पटेल, सुखदेव महतो, प्रदीप यादव, रवींद्र यादव, जगदीश घोष, राजेश यादव, मथुरा यादव, लाल यादव, फरीद अंसारी, उस्मान अंसारी, आलम रजा, लखन तुरी, जुगनू यादव, नारायण यादव, धर्मनाथ महतो, शिवनाथ यादव, राजेंद्र रवानी आदि उपस्थित थे.चार मुखियाओं ने एसडीएम को लिखा पत्र
कथारा कोलियरी में आरओएम रोड सेल नियमानुसार चलाने और स्थानीय ग्रामीणों व विस्थापितों को भागीदारी दिये जाने मांग को लेकर मंगलवार को परियोजना से प्रभावित चार पंचायतों के मुखियाओं ने बेरमो एसडीएम को पत्र लिखा है. इसमें बांध के मुखिया मुरली देवी, झिरकी के मुखिया हाजी मिकाइल अंसारी, बोडिया उत्तरी के मुखिया कामेश्वर महतो और बोडिया दक्षिणी की मुखिया तरूलता देवी शामिल हैं. पत्र में नयी संचालन कमेटी गठन कर रोड सेल को सुचारू रूप चलाने का आग्रह किया है. पत्र की प्रतिलिपि क्षेत्र के कथारा जीएम, कथारा कोलियरी व वाशरी पीओ, कथारा ओपी प्रभारी को भी भेजी गयी है. पत्र में कहा कि कथारा कोलियरी में आरओएम रोड सेल वर्तमान में प्रारंभ हुआ है, लेकिन विस्थापितों को हक नहीं मिल रहा है. विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं. पूर्व में पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सेल संचालित किया जाता था. लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है. इसके कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है, जो कभी भी हिंसक रूप ले सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

