कसमार, कसमार प्रखंड के कमलापुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में गुरुवार को कुष्ठ रोगी खोज कार्यक्रम के तहत छात्राओं और शिक्षकों के लिए जागरूकता सत्र आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य कुष्ठ रोग के लक्षण, बचाव तथा समय पर उपचार की जानकारी देना था. सत्र में आरबीएसके के डॉ हरिपद सोरेन ने छात्राओं को बताया कि कुष्ठ एक उपचार योग्य बीमारी है, लेकिन शुरुआती चरण में लक्षण पहचानना जरूरी है. उन्होंने कहा कि त्वचा पर सुन्न दाग, झनझनाहट, हथेली-तलवे में सूनापन, भौंहों का झड़ना, उंगलियों का टेढ़ा होना इस रोग के प्रमुख संकेत हैं. समय रहते इन लक्षणों की पहचान कर उपचार शुरू किया जाए तो रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है. पीएमडब्ल्यू राजेश कुमार ने कहा कि यदि प्रारंभिक अवस्था में रोग की जानकारी हो जाए तो इससे होने वाले विकृति और स्थायी नुकसान से बचा जा सकता है. उन्होंने सलाह दी कि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को आग के संपर्क में नहीं आना चाहिए और आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए. कार्यक्रम में एमपीडब्ल्यू अविनाश रंजन, कविता टैगोर, कुलदीप यादव सहित विद्यालय की वार्डेन मालती कुमारी, शिक्षिका अनिता कुमारी, ललिता कुमारी, उषा रानी और शाहीन प्रवीण उपस्थित थीं. विदित हो कि प्रखंड में आरबीएसके टीम के डॉ बिपिन प्रसाद, परमेश्वर महतो और मानस कपरदार लगातार विद्यालयों में जाकर शिक्षक-छात्राओं को कुष्ठ जागरूकता से जोड़ रहे हैं.
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