बोकारो, झारखंड शोषण मुक्ति उलगुलान मंच की ओर से बुधवार को वेदांता इसीएल के खिलाफ घोषित आर्थिक नाकेबंदी के दौरान अलकुशा मोड़ पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गयी थी. इसमें प्रदर्शनकारी संध्या देवी व सियालजोरी थाना प्रभारी मनीष कुमार घायल हो गये थे. हालात को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को प्रशासन की ओर से क्षेत्र में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गयी है. चास मुफस्सिल थाना में थाना प्रभारी प्रकाश मंडल ने बुधवार की देर रात प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज कराया. गिरफ्तार 15 प्रदर्शनकारी गुरुवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिये गये. हालांकि अभी तक प्रदर्शनकारियों की ओर से प्राथमिकी दर्ज नही करायी गयी है. इधर, एसपी हरविंदर सिंह के अनुसार बुधवार को प्रदर्शनस्थल पर 10 महिला पुलिस तैनात थी. घटना की जांच की जा रही है. वहीं अस्पताल में इलाजरत घायल संध्या की स्वास्थ्य में सुधार है.
पुलिस बल हैं तैनात : एसपी
एसपी हरविंदर सिंह ने कहा कि धरनास्थल पर धारा 144 लगा दी गयी है. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल (पुरुष व महिला) की तैनाती की गयी है. प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. अब तक 15 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. पूरी घटनाक्रम पर नजर है.
दूसरे दिन प्रदर्शन स्थल पर रहा सन्नाटा
दूसरे दिन गुरुवार को प्रदर्शन स्थल पर सन्नाटा पसरा रहा. वहां पुलिस के अधिकारी व जवान तैनात थे. हालांकि आमलोगों रोजाना की तरह आवागमन कर रहे थे. आमलोगों से अफवाह पर ध्यान नहीं देने के साथ शांति बनाये रखने की अपील की जा रही थी. इधर, अलकुशा मोड़ पर धारा 144 लागू होने के कारण किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन, सभा-जुलूस व भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गयी है.झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के नेता ने घायल महिला से की मुलाकात
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा नेता अर्जुन रजवार ने गुरुवार को घायल महिला माचाटांड़ निवासी संध्या देवी से अस्पताल में मुलाकात की. चिकित्सक से स्थिति की जानकारी ली. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कहा कि रैयत शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. पुलिस प्रशासन ने जबरन उन्हें सड़क से हटाने का प्रयास किया. इससे विवाद भड़क गया. राज्य सरकार मामले को गंभीरता से ले. कंपनी, रैयत व पुलिस प्रशासन के बीच तालमेल बनाये. रैयतों की जायज मांगों को पूरा करे. जमीन देने वाले ग्रामीणों को न्याय मिलना ही चाहिए.लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने में लगा है प्रबंधन
किसान नेता जगन्नाथ रजवार ने कहा कि कंपनी प्रबंधन किसानों की जमीन कब्जा कर रही है. स्थानीय लोग बेरोजगारी व प्रदूषण से प्रभावित होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद भी कंपनी प्रबंधक के इशारे पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है. दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. साथ ही प्रदर्शनकारियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले. गिरफ्तार प्रदर्शकारियों की बिना शर्त रिहाई की जाये. किसानों की जमीन जलजमाव से मुक्त किया जाये. नियोजन की गारंटी दी जाये. ऐसा नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
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