बोकारो, रिहीटिंग फर्नेस कैंपेन लाइफ को बढ़ाने व फर्नेस में स्केल फॉर्मेशन को कम करने के विषय पर बीएसएल के एचआर-एलएंडडी विभाग व हॉट स्ट्रिप मिल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एलइओ (लर्निंग एक्सलेंस एंड ऑप्टीमाइजेशन) कार्यशाला हुई. सेल की विभिन्न इकाइयों के साथ अन्य प्लांट व औद्योगिक साझेदार संगठनों से आये इंजीनियरों, मेंटेनेंस प्रोफेशनल्स व फर्नेस विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी की. कार्यशाला के उद्घाटन में अधिशासी निदेशक (वर्क्स) प्रिय रंजन व अधिशासी निदेशक (ऑपरेशन) एके दत्त, मुख्य महाप्रबंधक (अनुरक्षण) शरद गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (सर्विसेज) अरविंद कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (एफएंडए) निर्मल कुमार सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (हॉट स्ट्रिप मिल) पीके वर्मा व मुख्य महाप्रबंधक (एचआर-एलएंडडी) नीता बा सहित कई स्थानों के प्रतिभागी उपस्थित थे.
अधिशासी निदेशक श्री रंजन ने सुरक्षा शपथ दिलाने के बाद अपने विचार साझा करते हुए रिहीटिंग फर्नेस की नियमित व प्रिवेंटिव मेंटेनेंस के महत्व पर जोर दिया. स्केल व रस्ट फॉर्मेशन को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर विशेष बल देते हुए कहा कि इससे ना केवल फर्नेस की आयु बढ़ती है, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता और परिचालन लागत में भी उल्लेखनीय सुधार होता है. अन्य गणमान्य अधिकारियों ने भी एलइओ पहल के महत्व को रेखांकित किया और इसे तकनीकी ज्ञान को मजबूत करने का उत्कृष्ट माध्यम बताया.तकनीकी नवाचार, उन्नत तकनीक व परिचालन दक्षता से संबंधित ज्ञान
कार्यशाला में सेल की भिलाई, राउरकेला, बोकारो, इस्को बर्नपुर व दुर्गापुर स्टील प्लांट,आरडीसीआइएस सहित जेएसडब्ल्यू विजयनगर वर्क्स व जिंदल स्टील प्लांट, ओडिशा एवं औद्योगिक साझेदार जैसे डेनिएली इंडिया, फाइव्स स्टीन इंडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. आयोजन तकनीकी नवाचार, उन्नत तकनीक व परिचालन दक्षता से संबंधित ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये एक उत्कृष्ट सहयोगात्मक मंच सिद्ध हुआ.कार्यशाला का उद्देश्य
स्वागत संबोधन में मुख्य महाप्रबंधक (एचएसएम) पीके वर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य को फर्नेस मेंटेनेंस, परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन व कैंपेन लाइफ इम्प्रूवमेंट के क्षेत्र में तकनीकी उत्कृष्टता और सहयोग को बढ़ावा देने वाला बताया. कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों में कैंपेन लाइफ बढ़ाने की तकनीकों व स्केल/रस्ट फॉर्मेशन को कम करने के उपायों की समझ विकसित करना व विभिन्न इकाइयों के बीच बेस्ट प्रैक्टिसेज का आदान-प्रदान शामिल था. तकनीकी सत्रों के दौरान स्केल फॉर्मेशन की प्रक्रिया व मूल कारण, एडवांस्ड प्रिवेंटिव मेंटेनेंस, रेफ्रेक्ट्री रणनीतियां, टेंपरेचर कंट्रोल व ऑटोमेशन जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गयी.
सेल इकाइयों व औद्योगिक साझेदारों के बीच तकनीकी सहयोग मजबूत
ओईएम पार्टनर्स द्वारा फर्नेस लाइफ एन्हांसमेंट संबंधी अनुशंसाओं व डिजिटल मॉनिटरिंग एवं कंडीशन-बेस्ड मेंटेनेंस पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. आयोजन के परिणामस्वरूप फर्नेस लाइफ एन्हांसमेंट व स्केल रिडक्शन की बेहतर समझ विकसित हुई. सेल इकाइयों व औद्योगिक साझेदारों के बीच तकनीकी सहयोग मजबूत हुआ. कार्यशाला स्वस्थ, तकनीकी रूप से जागरूक व सशक्त औद्योगिक परिवेश रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

