बोकारो, चिन्मय विद्यालय, बोकारो में स्पीक मैके समूह की ओर से विशेष छऊ का आयोजन किया गया. पुरुलिया से आए 15 से अधिक कलाकार ने मुखौटा व पारंपरिक कॉस्ट्यूम के साथ छऊ प्रस्तुत किया.खेल मैदान में प्री-नर्सरी से 12वीं के 4500 विद्यार्थियों ने छऊ के जरिये झारखंड, बंगाल व ओडिशा की संस्कृति को देखा. मुख्य अतिथि विद्यालय के अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय, विशिष्ट अतिथि सचिव महेश त्रिपाठी व प्राचार्य सूरज शर्मा कार्यक्रम में शामिल हुए.
झारखंड की सभ्यता सबसे खास : मुखोपाध्याय
मुख्य अतिथि श्री मुखोपाध्याय ने कहा कि छऊ व झूमर जैसे नृत्य झारखंड की विविध सभ्यता व कला के प्रतीक हैं. इन सभ्यता व कला को संरक्षित करते हुए अगली पीढ़ी तक पहुंचाना ही लक्ष्य होना चाहिए. विद्यालय में छऊका आयोजन विद्यार्थियों के लिए एक खास व नया अनुभव है. इससे उन्होंने बहुत कुछ सीखने को मिला.
आयोजन से विद्यार्थियों को मिला खास अनुभव : त्रिपाठी
सचिव श्री त्रिपाठी ने कहा कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य संस्कृति से बच्चों को रूबरू कराना था. विद्यार्थियों को मनोरंजन के साथ – साथ सीखने के लिए भी बहुत कुछ दिया है. प्राचार्य श्री शर्मा ने कहा कि देश में ही कई ऐसी चीजें हैं, जिनको बढ़ावा मिलना चाहिए. झारखंड का लोक नृत्य छऊ भी ऐसा ही एक नृत्य है.
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