बोकारो, बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) ने 15 नवंबर 2025 को हैदराबाद में आयोजित डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लेबोरेट्री (डीएमआरएल) के 62वें वार्षिकोत्सव समारोह के दौरान लाइसेंसिंग एग्रीमेंट फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण दस्तावेज प्राप्त किया. इस तकनीक हस्तांतरण के अंतर्गत डीएमआरएल ने बीएसएल को नौसैनिक उपयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण डीएमआर 249ए स्टील शीट्स के निर्माण के लिए गैर-समावेशी लाइसेंस प्रदान किया है. इस तकनीक हस्तांतरण से बीएसएल को भारतीय सशस्त्र बलों व अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, अत्याधुनिक विशेष स्टील उत्पादों के उत्पादन व आपूर्ति को और अधिक सुदृढ़ रूप से बढ़ाने में सहायता मिलेगी. इस दौरान डीएमआरएल के ओएस एवं निदेशक डॉ आर. बालामुरलिकृष्णन, डीआरडीओ के डीएस व डीजी डॉ आरवी हरा प्रसाद व सचिव, डीडी व चेयरमैन डीआरडीओ डॉ समीर वी कमाट सहित डीआरडीओ व डीएमआरएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बीएसएल की ओर से महाप्रबंधक (आरसीएस) बी. सुनीता मिंज, महाप्रबंधक (एसएमएस-II व सीसीएस) एसएस पाणिग्रही व महाप्रबंधक (एसएमएस-यू) राहुल तिवारी ने यह तकनीक हस्तांतरण दस्तावेज प्राप्त किया.
बीएसएल में 18 वर्षों में 46,500 टन से अधिक डीएमआर 249ए स्टील का उत्पादन
यह उपलब्धि बीएसएल की तकनीकी दक्षता, गुणवत्ता उत्कृष्टता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण है. उल्लेखनीय है कि बीएसएल और डीएमआरएल के मध्य लगभग दो दशकों से जारी तकनीकी साझेदारी अत्यंत सफल रही है. पिछले 18 वर्षों में 46,500 टन से अधिक डीएमआर 249ए स्टील का उत्पादन किया जा चुका है. यह उच्च गुणवत्ता वाला स्टील भारतीय नौसेना के कई प्रतिष्ठित और अत्याधुनिक युद्धपोतों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे चुका है.
कई युद्धपोतों के निर्माण में हो चुका है विशेष स्टील का इस्तेमाल
बीएसएल में उत्पादित डीएमआर 249ए स्टील आइएनएस विक्रांत, नीलगिरि, किल्टन, महेंद्रगिरि व विंध्यगिरि के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे चुका है. गौरतलब है कि बीएसएल देश का एकमात्र ऐसा एकीकृत इस्पात संयंत्र है, जो वैक्यूम डिगैसिंग सुविधा के बिना भी नौसेना के कठोर मानकों के अनुरूप डीएमआर 249ए स्टील शीट्स का सफलतापूर्वक उत्पादन कर रहा है. यह उपलब्धि भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता को नयी मजबूती प्रदान करती है और रक्षा क्षेत्र में बीएसएल की भूमिका को नयी ऊंचाइयों तक ले जाती है. आत्मनिर्भर भारत के तहत सैन्य शक्तियों को बढ़ाने की दिशा में बीएसएल की टीम काम कर रही है. भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकतों में इजाफा कर रही है. इसमें बीएसएल का डीएमआर 249ए फौलादी स्टील भी शामिल है.बोले अधिकारी
बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) प्रिय रंजन ने कहा कि लाइसेंसिंग एग्रीमेंट फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी हस्तांतरण बीएसएल की तकनीकी उत्कृष्टता, क्षमता और देश की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की बीएसएल की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है. बीएसएल भविष्य में भी विशेष गुणवत्ता वाले स्टील के विकास के माध्यम से देश की रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ बनाने में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

