बोकारो, बोकारो स्टील प्लांट का मेटेरियल रिकवरी विभाग (एमआरडी) संयंत्र में संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग व इस्पात उत्पादन के लिए आवश्यक स्क्रैप की उपलब्धता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रहा है. विभाग संयंत्र के विभिन्न विभागों से स्क्रैप एकत्र कर उसका प्रसंस्करण करता है. उसे स्टील मेल्टिंग शॉप्स (एसएमएस) को आपूर्ति करता है, जहां यह स्टील उत्पादन की प्रक्रिया में उपयोग होता है. इस प्रकार एमआरडी विभाग न केवल उत्पादन प्रक्रिया को सुचारू बनाये रखने में सहायक है, बल्कि संसाधनों के कुशल व पुनर्नवीनीकरण उपयोग को भी प्रोत्साहित कर रहा है, जिससे लाभ हो रहा है.
अधिशासी निदेशक (संकार्य) के मार्गदर्शन में नवाचारपूर्ण पहल
उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में स्क्रैप की उपलब्धता इस्पात उद्योग के लिए एक प्रमुख चुनौती के रूप में उभरी है. ऐसे समय में बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) प्रिय रंजन के मार्गदर्शन में शुरू की गयी एक नवाचारपूर्ण पहल के अंतर्गत विभिन्न विभागों से स्क्रैप एकत्रीकरण व उसका उचित निपटान किया जा रहा है. इस पहल से न केवल संयंत्र के विभिन्न विभागों में स्वच्छता व हाउसकीपिंग के स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, बल्कि स्क्रैप प्रबंधन प्रक्रिया भी अधिक संगठित व पारदर्शी बनी है. स्टील मेल्टिंग शॉप्स के लिए स्क्रैप की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे उत्पादन प्रक्रिया और अधिक संतुलित बनी है.संयंत्र परिसर की स्वच्छता व सुव्यवस्था में दिख रहा सकारात्मक परिवर्तन
उधर, संयंत्र परिसर की स्वच्छता व सुव्यवस्था में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है. यह पहल रख-रखाव कार्यों के दौरान उत्पन्न स्क्रैप की व्यवस्थित पहचान व संग्रहण को प्रोत्साहित करते हुए स्क्रैप की कमी को दूर करने में भी सहायक सिद्ध हो रही है. यह पहल न केवल स्क्रैप की कमी की चुनौती का समाधान प्रस्तुत कर रही है, बल्कि “वेस्ट टू वेल्थ ” के सिद्धांत को भी सशक्त बना रही है, जहां प्रत्येक अवशिष्ट सामग्री को एक मूल्यवान संसाधन के रूप में पुनः उपयोग में लाया जा रहा है. बीएसएल की पहल संचालन दक्षता, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व व सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

