बिनोद सेना के अध्यक्ष रामबिलास महतो ने इसे अनैतिक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि कुछ कथित लोगों द्वारा समाज में वैमनस्य फैलाने और एक जनप्रतिनिधि की गरिमा व दायित्व को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि लुगुबुरू धर्म महासम्मेलन एक राजकीय महोत्सव है, इसलिए जिला प्रशासन ने अपने दिशा-निर्देशों के अनुसार क्षेत्र के सांसद और विधायक को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया है. ऐसे में इस आमंत्रण पर विरोध करना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि सामाजिक समरसता के खिलाफ भी है. रामबिलास महतो ने कहा कि पूर्वग्रह और राजनीतिक महत्वाकांक्षा से ग्रस्त लोग सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने और लोकतांत्रिक परंपरा को आघात पहुंचाने का काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों पर उचित कार्रवाई कर देश-विदेश से आने वाले धर्मावलंबियों के बीच एक सकारात्मक संदेश दे. ज्ञात हो कि लुगुबुरू घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में हर वर्ष सरना धर्मावलंबियों का विशाल अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं. इस वर्ष के आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं.
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