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Bokaro News : पढ़ाने के साथ-साथ करनी पड़ती है बच्चों के पहरेदारी

Bokaro News : उत्क्रमित मवि उर्दू चंदाहा में बाउंड्री व शौचालय नहीं, जलमीनार पड़ा है खराब

Bokaro News : चास प्रखंड की चंदाहा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू चंदाहा में 310 बच्चे नामांकित है़. सड़क किनारे होने के बावजूद विद्यालय की बाउंड्री नहीं की गयी है. इससे अक्सर बच्चों के साथ दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. कई बार बच्चे सड़क पर बाइक टकरा कर चोटिल हो चुके हैं. शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनकी पहरेदारी भी करनी पड़ती है, कहीं बच्चे सड़क पर नहीं चले जायें. अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है.

कमरे का अभाव, बरामदे में बैठ कर पढ़ते हैं बच्चे :

विद्यालय में कमरे का भी अभाव है, बच्चे बरामदे में बैठ कर पढ़ने को विवश हैं. वर्ग एक के बच्चे को बरामदे में, वर्ग दो व तीन के बच्चों को एक कमरा में, वर्ग चार तथा पांच के बच्चों को भी एक की कमरे में पढ़ाया जाता है. सिर्फ वर्ग सात व आठ वर्ग के बच्चों को अलग-अलग कमरे में पढ़ाया जाता है. विद्यालय में 10 शिक्षक पदस्थापित हैं. एक शिक्षक जनवरी 2024 से उमवि भागाबांध में प्रतिनियोजित हैं.

स्कूल के जर्जर कमरे में बनता है एमडीएम :

विद्यालय में किचेन शेड नहीं है.

स्कूल के पुराने जर्जर कमरे में बच्चों का मध्याह्न भोजन बनाया जाता है. टिफिन के वक्त भेड़, बकरी, मुर्गी व जानवर स्कूल में घुस आते हैं, जिससे शिक्षक व बच्चे परेशान होते हैं. बाउंड्री विहिन विद्यालय में शौचालय भी नहीं है. विद्यालय के नाम पर 400 मीटर दूर पंचायत भवन के समीप एक शौचालय बना हुआ है, जिसमें जाने में बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं. विद्यालय में खेल का मैदान भी नहीं है. सात महीने से जलमीनार मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है.

विभागीय पदाधिकारी को दी गयी है जानकारी :

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक खालिद रसीद ने कहा कि विद्यालय की हर मासिक रिपोर्ट में अधिकारी को विद्यालय की समस्या की जानकारी दी जाती है, लेकिन अभी तक समस्या जस की तस है. टिफिन के वक्त भेड़, बकरी व मुर्गी स्कूल में घुस आते हैं. इसलिए जबतक बच्चे टिफिन नहीं कर लेते हैं, जानवरों को लाठी लेकर खदेड़ते रहना पड़ता है. जबसे प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार मिला है,. तब से समस्या ही झेल रहे हैं. बाउंड्री व खेल मैदान नहीं रहने के कारण बच्चे सड़क पर चले जाते हैं. इस स्थिति में शिक्षक व स्वयं उन्हें बच्चों की पहरेदारी करनी पड़ती है. बाउंड्री नहीं होने से काफी परेशानी होती है. इसको लेकर अधिकारी को मासिक रिपोर्ट में मौखिक व लिखित जानकारी दी गयी है.

समस्या का समाधान कराऊंगी :

मुखिया शबनम खातून ने कहा कि विद्यालय में संसाधनों की कमी तथा बुनियादी समस्याएं है. इसे लेकर संबंधित अधिकारी से मिलकर समस्या को अवगत कराऊंगी तथा समाधान का प्रयास करुगीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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