यह अवधि एक-दो दिन नहीं, बल्किलगातार 19 दिनों तक बनी रहेगी. 36 साल में यह पहली बार है, जब लोगों को इतने लंबे समय तक रोजा रखना होगा. इससे पहले 1979 में जून माह के दौरान लोगों को सबसे लंबा रोजा रखना पड़ा था. उधर, इसलामी विद्वानों का मानना है कि लंबे रोजे में सवाब भी ज्यादा मिलेगा.
अगर शाबान माह की 29 तारीख को चांद नजर आया तो 18 जून से रमजान की शुरु आत हो जायेगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आवश्यक रूप से 19 जून से रोजा रखने का सिलिसला शुरू जायेगा. अगर 18 जून से रोजा शुरू हुआ तो सुबह 3:36 मिनट पर सहरी का वक्त खत्म होगा. इसके बाद शाम 7:18 मिनट पर इफ्तार होगा. इस दौरान खाने-पीने की चीजों से पूरी तरह परहेज बरतना होगा.