Bokaro News : सुनील तिवारी, बोकारो. बोकारो स्टील प्लांट-बीएसएल सहित सेल के 29632 कर्मी 39 माह के फिटमेंट एरियर व 58 माह के पर्क्स एरियर की आस में रिटायर हो गये. सिर्फ बोकारो स्टील प्लांट में आठ साल में 3975 कर्मी रिटायर हुए हैं. बीएसएल में जनवरी-17 में 12452 कर्मी थे. अगस्त-25 तक कर्मियों की संख्या 8477 हो गयी है. बीएसएल- सेल कर्मियों के मुद्दों को हल करने के लिए गठित की गई नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस की फुल कमेटी की मीटिंग 18 माह बाद भी आयोजित नहीं हो पायी है. पिछली मीटिंग 20 जनवरी 2024 को हुई थी. उसके बाद न तो प्रबंधन ने कभी मीटिंग बुलाने की पहल की है और न ही उस कमेटी में भागीदार यूनियनों व उसके नेताओं ने. इससे बीएसएल-सेल कर्मियों के 40 से अधिक मुद्दे वर्षों से लंबित है.
बीएकेएस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दूसरी बार मुकदमा दायर किया, इसी माह होगी सुनवाई :
उधर, बगैर सदस्यता सत्यापन किये हुए व रिकॉगनाईज्ड यूनियन के रहते हुए पांचों सेंट्रल ट्रेड यूनियनों को तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट देने के विरुद्ध बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दूसरी बार मुकदमा दायर किया है, जिसकी सुनवाई अगस्त में ही होनी है. इस्पात मंत्रालय को उस पर जवाब देना है. बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि बगैर किसी श्रम कानून व निबंधन के ही एनजेसीएस का गठन कागजों पर कर दिया गया. पांचों ट्रेड यूनियन को 3-3 नॉमिनेटेड सीट देना कर्मियों के वास्तविक प्रतिनिधित्व (रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन) के अधिकारों का खुला उल्लंघन है. इससे बोकारो स्टील सहित सेल कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश है. कर्मियों की मांग वर्षों से लंबित है और कर्मी रिटायर हो रहे हैं.बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक ने मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय)-नयी दिल्ली को लिखा पत्र :
इधर, बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक ने इस्पात मजदूरों के लंबित वेज रिवीजन के लिए मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय)-नयी दिल्ली को पत्र लिखा है. यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने पत्र में लिखा है इस्पात मजदूरों के वेज रिवीजन के लिए 22.10.2021 को हुए एमओयू का संपूर्ण कार्यान्वयन सहित लंबित मुद्दों पर सेल प्रबंधन द्वारा अपनाये जा रहे नकारात्मक रुख व आपके यहां हुई 26.1.2025 के समझौता वार्ता में आपके द्वारा दिये गये सुझावों पर प्रबंधन के नकारात्मक रूख, उदासीनता, यूनियनों के साथ संवादहीनता को देखते हुए लंबित औद्योगिक विवाद पर समझौता वार्ता बुलाया जाये. कहा है : आपकी सलाह के बाद छह महीने की अवधि बीत गयी, लेकिन मामला का निपटारा नहीं हो सका है. पिछले पांच साल से प्रत्येक वर्ष एक लाख करोड़ रुपया से अधिक का टर्नओवर हो रहा है. कंपनी ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है. फिर भी सभी आंख बंद किये हुए हैं. हमारी यूनियन निर्वाचित रिकॉगनाईज्ड यूनियन प्रतिनिधियों के साथ एनजेसीएस मीटिंग बुलाने की मांग कर रही है. गैर निर्वाचित नेताओं को एनजेसीएस में भागीदारी देने के विरुद्ध हमारी यूनियन दिल्ली उच्च न्यायालय के शरण में गयी है. कर्मियों के हक व अधिकार के लिए हमारी यूनियन सक्रिय व आंदोलनरत है. – हरिओम-अध्यक्ष, बीएकेएस बोकारोबीएसएल-सेल कर्मियों के अटके मुद्दों की सूची
– वेज रिवीजन एमओए नहीं– 15% एमजीबी, 35% पर्क्स पर अंतिम निर्णय नहीं- 39 माह के फिटमेंट एरियर व 58 माह के पर्क्स एरियर पर निर्णय नहीं- फेस्टिवल एडवांस का 2008 से संशोधन नहीं– इंसेंटीव रिवार्ड का 2007 से संशोधन नहीं
– हाउस आवास ऋण, वाहन ऋण जैसे बंद सुविधाओं शुरू नहीं- फर्निचर एडवांस, लैपटॉप एडवांस जैसी सुविधाएं शुरू नहीं- हाउस पर्क्युजीट, स्टैगेनेशन इंक्रिमेंट जैसी सुविधाएं शुरू नहीं– ग्रेज्यूटी सीलिंग होने पर 2012 से पेंशन अंशदान शुरू नहीं
– ग्रेडवाइज व क्लस्टर वाइज पदनाम सुपरवाइजरी कैडर के साथ नहींडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

