19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

गोमिया की घटना : सीआरपीएफ के अस्थायी कैंप में छुट्टी को लेकर हुए विवाद में दो पदाधिकारियों को मारी थी गोली

गुस्साये साथियों की पिटाई से घायल हुआ था जवान दीपेंद्र रांची/गोमिया : गोमिया में सीआरपीएफ के कैंप में हुई गोलीबारी के बाद साथी जवानों की पिटाई से घायल जवान दीपेंद्र को सोमवार की रात ही मेडिका लाया गया था. मंगलवार को जांच में यह साफ हुआ कि दीपेंद्र को गोली नहीं लगी है. दूसरा जवान […]

गुस्साये साथियों की पिटाई से घायल हुआ था जवान दीपेंद्र
रांची/गोमिया : गोमिया में सीआरपीएफ के कैंप में हुई गोलीबारी के बाद साथी जवानों की पिटाई से घायल जवान दीपेंद्र को सोमवार की रात ही मेडिका लाया गया था. मंगलवार को जांच में यह साफ हुआ कि दीपेंद्र को गोली नहीं लगी है. दूसरा जवान भी गोली के छर्रे से आंशिक तौर पर घायल हुआ.
दोनों की स्थिति बेहतर है. इसकी पुष्टि एक अधिकारी ने की है. उधर, मामले में चतरोचट्टी थाने में दीपेंद्र यादव के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी की गयी है. मालूम हो कि गोमिया (बोकारो) के चतरोचट्टी के कुर्कनालो मध्य विद्यालय स्थित सीआरपीएफ के अस्थायी कैंप में छुट्टी को लेकर हुए विवाद के बाद हुई गोलीबारी में असिस्टेंट कमांडेंट एस हसन व एएसआइ पी भुइयां को जवान ने गोली मार दी थी.
गोली चुनाव ड्यूटी पर आये सीआरपीएफ जवान दीपेंद्र यादव ने मारी थी. पदाधिकारियों की मौत से गुस्साये बटालियन के जवानों ने जवान दीपेंद्र यादव को जमकर पीट दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. इस वजह से लोगों ने समझा कि फायरिंग करनेवाले जवान ने खुद को भी गोली मार ली है. इस घटना में जवान हरिश्चंद्र भी घायल हुआ था. देर रात घायल दीपेंद्र व हरिश्चंद्र को हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया. यहां मेडिका में भर्ती कराया गया.
असिस्टेंट कमांडेंट को 15 व एएसआइ को लगी थी 13 गोली : बताया जाता है कि घटना में मृत सीआरपीएफ के केरल निवासी असिस्टेंट कमांडेंट एस हसन को 15 व असम निवासी एएसआइ पी भुइंया को 13 गोली लगी थी़ जवान ने एके-47 से गोली मारी थी़
संयम से काम लें अधिकारी : स्पेशल डीजी
मंगलवार को सीआरपीएफ कैंप का सीआरपीएफ सेंट्रल जोन के स्पेशल डीजी कुलदीप सिंह, झारखंड चैप्टर सीआरपीएफ के आइजी संजय आनंद लाटकर,डीआइजी दीपक कुमार चौधरी,कमांडेंट अखिलेश कुमार सिंह ने दौरा किया. स्पेशल डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली जा रही है. बीती रात कैंप में जो घटना घटी है, वह तनाव के कारण हुआ है.
जवान ने तनाव के कारण ही गोली चलायी है.उन्होंने कहा कि संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ऐसी घटनाओं में पदाधिकारी संयम से काम लें और साथी जवानों का भी विशेष ध्यान रखें. कोई भी मामले को तूल न दें.उन्होंने कहा कि अगर किसी जवान को कोई समस्या है, तो उसका समाधान करने की कोशिश करें या तो वरीय अधिकारियों को इस बारे में सूचना देने का कार्य करें.
स्ट्रेस की नौकरी है जवानों की, उनकी भावना को समझें
रांची : सीआइपी के मनोचिकित्सक डॉ रोशन खनाड़े बताते हैं कि पारा मिलिट्री और सेना के जवान काफी स्ट्रेस में नौकरी करते हैं. ऐसा उनकी नौकरी की बाध्यता के कारण है. इनका कोई टाइमिंग तय नहीं है.
काम का दबाव है. रहने-खाने का कोई ठिकाना नहीं है. परिवार से भी दूर रहते हैं. ऐसे में स्ट्रेस बढ़ेगा. इनके पास हमेशा हथियार होता है. सामान्य लोग भी स्ट्रेस में होते हैं. लेकिन हथियार नहीं होने के कारण इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं. हथियार हाथ में होगा, तो मानसिक परेशानी में आदमी कोई भी कदम उठा सकता है. इस तरह की घटना का सीधा रिश्ता स्ट्रेस से है. देश में करीब साल में 360 मौतें ऐसे होती है. पुलिस खुद या सीनियर को मार देते हैं.
क्या है रोकने के उपाय : डॉ खनाड़े बताते हैं कि नौकरी में लेते समय इनका बढ़िया एसेसमेंट होना चाहिए. इनको कोई मानसिक बीमार है कि नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए.
प्रशिक्षण के दौरान इनको मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत करना चाहिए. जवानों की मानसिक स्थिति की नियमित जांच होनी चाहिए. जवानों को नियमित छुट्टी मिलनी चाहिए. समय पर वेतन मिलना चाहिए. परिवार के बीच समय बिताने की सुविधा मिलनी चाहिए. सीआरपीएफ मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग के लिए नियमित रूप से सेमिनार का आयोजन करता है. इसमें सीअाइपी के साथ-साथ कई मनोचिकित्सक शामिल होते हैं.
नशे पर नियंत्रण नहीं होना भी घटना का कारण : रिनपास के मनोचिकित्सक डॉ सिद्धार्थ सिन्हा ने कहा कि जवानों द्वारा गोलीबारी की घटना का प्रमुख कारण नशे पर नियंत्रण नहीं होना भी है. अलग-अलग लोगों में शराब या अन्य प्रकार की नशाओं को पचाने की क्षमता अलग-अलग होती है. इसका प्रमुख कारण जीन होता है. जिन जवानों के शराब के ज्यादा उपयोग के कारण मनोदशा पर नियंत्रण नहीं होता है, वैसे लोगों पर नजर रखने की जरूरत होती है.
इस तरह की घटना में हमेशा वैसे लोगों पर गोली चला दी जाती है, जिससे परेशानी होती है. इसी मनोचिकित्सा की भाषा में सीएनएस डिप्रेशन कहा जाता है. ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिए समय-समय पर जवानों की जांच होनी चाहिए. नशा करने वाले जवानों पर विशेष नजर रखने की जरूरत होती है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel