बेरमो-तेनुघाट : झारखंड के डुमरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक जगरनाथ महतो को मंगलवार से हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जगरनाथ महतो के विरुद्ध नावाडीह के तत्कालीन दारोगा रामचंद्र राम की गैर-इरादतन हत्या के आरोप की धारा 304 व धारा 328 को हटा दिया है. अन्य धाराएं महतो के विरुद्ध मजिस्ट्रेट ट्रायल है. मंगलवार को हाईकोर्ट में आरोप गठन के विरुद्ध विधायक महतो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें न्यायालय ने महतो के विरुद्ध आरोप गठित धारा 304, 328 को निरस्त कर दिया.
बताते चलें कि कुछ महीना पहले तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एडीजे द्वितीय गुलाम हैदर के न्यायालय में विधायक के विरुद्ध आरोप गठित किया गया था. इसी आरोप के विरुद्ध महतो ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. विधायक महतो की ओर से हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के अधिकवक्ता एस नागामुत्थु ने अलग-अलग चार तारीखों में बहस की.
मालूम हो कि 13 मई, 2016 की शाम को स्थानीय नीति लागू किये जाने के विरोध में नावाडीह में मशाल जुलूस निकाली गयी थी. जुलूस के दौरान थाना प्रभारी की तबीयत अचानक बिगड़ जाने के बाद उन्हें बीजीएच में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी. इस मामले में 14 मई, 2016 को विधायक महतो की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद वे तीन महीने तक तेनुघाट उपकारा में बंद रहे थे. बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.
विधायक ने क्या कहा : मंगलवार को विधायक महतो ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि इस मामले में हम पूरी तरह निर्दोष थे. प्रशासन ने मुझे गलत तरीके से फंसाने का काम किया था. इस मामले में हम कही से भी शामिल नही थे. मुझे न्यायालय से इंसाफ मिलने की पूरी उम्मीद थी. आज अंतत: न्याय की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले में तीन महीने जेल में रहना पड़ा. जिस दारोगा की मृत्यु हुई थी, वह मेरे सबसे प्रिय थे. मैं इस तरह की घटना के बारे में कभी सोच भी नही सकता था. मेरे ऊपर झूठा कलंक लगाया गया था.
13 मई 2016 को स्थानीय नीति के विरोध मे निकला था मशाल जुलूस : मालूम हो कि झारखंड में स्थानीय नीति 1985 लागू किये जाने के विरोध में झामुमो ने 14 मई, 2016 को झारखंड बंद का आह्वान किया था. बंदी की पूर्व संध्या पर नावाडीह थाना क्षेत्र के ब्लॉक मोड़ से नावाडीह बिनोद चौक तक डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो के नेतृत्व में झामुमो कार्यकर्ताओ ने मशाल जुलूस निकला था, जिसमें निर्वतमान थानेदार रामचंद्र राम, बीडीओ अरुण उरांव, पुलिस इंस्पेक्टर परमेश्वर लियांगी ने सरकार के आदेशानुसार मशाल जुलूस रोकने की पूरी कोशिश की, परंतु मशाल जुलूस तय स्थान पर जाकर समाप्त हुआ.
जुलूस नियत स्थान पर पहुंचने के बाद थानेदार को सीने में दर्द की शिकायत पर बोकारो बीजीएच में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान 16 मई, 2016 को उनकी मौत हो गयीथी. इस प्रकारण में इस्पेक्टर की लिखित शिकायत पर नावाडीह थाना में कांड संख्या 19 /2016 के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए डुमरी विधायक जगरनाथ महतो, उपप्रमुख विश्वनाथ महतो, चपरी मुखिया गौरीशंकर महतो, झामुमो नेता बालेश्वर महतो, महिला नेत्री विलसी देवी सहित 200 अज्ञात के विरूद्ध मामला दर्ज करते हुए सभी आरोपी को तेनुघाट जेल भेजा गया था.
इधर, हाईकोर्ट द्वारा दोनों धाराओं से मुक्त करने की जानकारी मिलते ही नावाडीह में झामुमो नेताओं व कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी. झामुमो नेता लोकेश्वर महतो, जयलाल महतो, मुखिया नकूल महतो, बासु महतो ने कहा कि अंतत: न्याय की जीत हुई. उन्होंने कहा कि 13 मई, 2016 को जुलूस निकला था. 14 मई को इस मामले में विधायक सहित अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया. आज 14 मई, 2019 को विधायक को हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ी राहत दे दी.