बोकारो : सीआरपीएफ में शामिल 14 वीं बटालियन के समीर सिंह को इस गणतंत्र दिवस के मौके पर रामनाथ कोविंद ने वीरता के लिए पुलिस पदक(पीएमजी) से सम्मानित किया है. हालांकि अभी पदक और प्रशस्ति पत्र उन्हें सौंपा नही गया है संभवतः अप्रैल महीने में उन्हें यह सम्मान सुपुर्द किया जाए.
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सीआरपीएफ में शामिल होने के महज तीन सालों में समीर सिंह को वीरता के लिए पुलिस पदक
बोकारो : सीआरपीएफ में शामिल 14 वीं बटालियन के समीर सिंह को इस गणतंत्र दिवस के मौके पर रामनाथ कोविंद ने वीरता के लिए पुलिस पदक(पीएमजी) से सम्मानित किया है. हालांकि अभी पदक और प्रशस्ति पत्र उन्हें सौंपा नही गया है संभवतः अप्रैल महीने में उन्हें यह सम्मान सुपुर्द किया जाए. इस वर्ष देश के […]
इस वर्ष देश के कुल 41 सीआरपीएफ जवानों को वीरता के लिये पुलिस पदक, 01 को शौर्य चक्र, 02 को कीर्ति चक्र और 03 सीआरपीएफ जवानों को पीपीएमजी पदक से नवाजा गया है. समीर को यह सम्मान 09 अक्टूबर 2017 को कश्मीर के शोपियां जिले के गतिपूरा गांव में हुए एक एनकाउंटर में हिजबुल के 4 इनामी आतंकवादियों ज़ाहिद अहमद मीर उर्फ़ उबैद, इरफान अब्दुल्लाह गनी, मो0 आसिफ पॉलके अलावे एक अन्य आतंकी को ढ़ेर करने के लिये मिला है.
समीर बोकारो ज़िला अंतर्गत गोमिया के नैनाटांड के रहने वाले हैं.केबी कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद समीर को कुछ व्यक्तिगत परेशानियों के कारण ट्रक में खलासी का काम करना पड़ा फिर उनके बड़े भाई रॉकी सिंह ने उनकी क्षमता को देखते हुए उसे फौज में शामिल होने की सलाह दी और उसने 2013-14 में एसएससी के ज़रिए सीआरपीएफ की परीक्षाएं दी और सफल रहे. समीर ने यह वीरता पुरस्कार सीआरपीएफ में शामिल होने के महज तीन सालों के बाद ही जीत लिया.
2014 में वो सीआरपीएफ में बहाल किये गए फिर उसे ट्रेनिंग के लिये केरल भेजा गया फिर उनकी पहली पोस्टिंग 5 जनवरी 2016 को जम्मू कश्मीर की शोपियां में हुई. समीर अबतक मिशन ऑल आउट के तहत लगभग 7 एनकाउंटर का हिस्सा रह चुके हैं.
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