भाड़े के वाहन से 60 किमी दूर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, तो बची जान
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प्रसव पीड़िता को खाट पर लाद कर सात किमी पैदल चले परिजन
भाड़े के वाहन से 60 किमी दूर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, तो बची जान ललपनिया : जन प्रतिनिधियों व सरकार की ओर से किये जा विकास के बड़े-बड़े दावे झुमरा पहाड़ इलाके में दम तोड़ देते हैं. आलम यह है कि इस क्षेत्र के गांवों तक पहुंचने के लिए न तो सड़क की सुविधा है […]
ललपनिया : जन प्रतिनिधियों व सरकार की ओर से किये जा विकास के बड़े-बड़े दावे झुमरा पहाड़ इलाके में दम तोड़ देते हैं. आलम यह है कि इस क्षेत्र के गांवों तक पहुंचने के लिए न तो सड़क की सुविधा है और न स्वास्थ्य आदि की सुविधाएं. ऐसे में लोगों के बीमार होने पर कई बार तो नौबत जान जाने तक की आ जाती है. ऐसी ही घटना गुरुवार को झुमरा पहाड़ के पचमो पंचायत अंतर्गत सिमराबेड़ा गांव में घटी.
गांव की एक गर्भवती आदिवासी महिला चमेली कुमारी (30 वर्ष) गुरुवार तड़के तीन बजे अचानक प्रसव पीड़ा से तड़पने लगी. यहां सड़क नहीं रहने के कारण परिजन उसे चारपाई पर रखकर खेतों-पगडंडियों से होते हुए किसी तरह सात किलोमीटर दूर झुमरा पहाड़ स्थित सड़क तक ले आये. इसके बाद यहां से किराये के वाहन से नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, जो 60 किलोमीटर दूर गोमिया में स्थित है, (सुबह करीब 10 बजेे) लाया गया. फिलहाल महिला खतरे से बाहर है.
गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एफ होरो की देखरेख में महिला का इलाज चल रहा है. इस पूरे घटनाक्रम में पंचायत की सहिया चमेली देवी की सूचना पर मुखिया रेणुका देवी व मुखिया प्रतिनिधि आनंद सागर ने तत्परता दिखाते हुए महिला को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की. इसके बावजूद इस पूरे मामले में करीब सात घंटे का समय लग गया, जो चिंताजनक है़
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