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24 में मात्र चार घंटे हो रही विद्युतापूर्ति, शहर हो या गांव, हर जगह एक जैसी स्थिति
बोकारो : बिजली बोकारो के लिए गंभीर समस्या बन गयी है. स्थिति ऐसी कि बिजली के आने व जाने में कोई अंतर ही नहीं रह रहा है. बिजली के आने के सुखद अहसास के पहले ही बिजली के चले जाने का गम जिंदा हो जा रहा है. दिन में मुश्किल से चार घंटे ही बिजली […]
बोकारो : बिजली बोकारो के लिए गंभीर समस्या बन गयी है. स्थिति ऐसी कि बिजली के आने व जाने में कोई अंतर ही नहीं रह रहा है. बिजली के आने के सुखद अहसास के पहले ही बिजली के चले जाने का गम जिंदा हो जा रहा है. दिन में मुश्किल से चार घंटे ही बिजली मिल रही है. वह भी लगातार नहीं. बिजली की आंख-मिचौनी के बीच भादो की गरमी ने जनजीवन त्राहिमाम कर दिया है. गांव-गांव बिजली पहुंचाने का दावा करने वाला विभाग शहर में भी बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहा है. गांव हो या शहर हर जगह एक जैसी स्थिति है.
कोयला की कमी या सरकार के पास पैसाें की : बिजली संकट के लिए सीधे तौर पर डीवीसी के लोड सेडिंग को जिम्मेदार बताया जा रहा है. वहीं डीवीसी कोयला की कमी का रोना रो रहा है. बिजली कटौती अब राजनीति में भी असर दिखाने लगी है. पिछले दिनों सांसद रवींद्र कुमार पांडेय व झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने डीवीसी के बकाया राशि नहीं चुकाने को लेकर बयान भी दिया था. बताते चले कि झारखंड सरकार पर डीवीसी का 3300 करोड़ रुपया का बकाया है. राज्य सरकार ने 250 करोड़ रुपया का चेक दिया था, जो बाउंस कर गया था.
कुछ दिनों का कोल स्टॉक : जिला में बोकारो थर्मल पावर स्टेशन व चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन बिजली उत्पादन का मुख्य स्रोत है. लेकिन, इन दोनों प्लांट में उत्पादन क्षमता के अनुरूप नहीं हो रहा है. बोकारो थर्मल ए से 404 मेगावाट, बोकारो थर्मल बी से 133 मेगावाट व चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन से 467 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है. यह उत्पादन कितने दिन तक होगा, यह कहना मुश्किल है. दोनों संयंत्रों के पास 05-05 दिन का कोयला ही स्टॉक है.
बीएसएल में सामान्य से कम आपूर्ति : बोकारो इस्पात संयंत्र को भी निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है. बीएसएल हर दिन 200 मेगावाट बिजली डीवीसी से लेता है. लेकिन, हाल के दिनों में 160-180 मेगावाट बिजली ही बीएसएल को मिल पा रहा है. साथ ही कोयला की कमी के कारण बीपीएससीएल के उत्पादन पर भी असर हुआ है. इससे सेक्टर क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति सामान्य तरीका से नहीं हो पा रही है.
अगले दो-तीन दिन तक सामान्य होगी स्थिति
विद्युत अधीक्षण अभियंता परितोष कुमार ने बताया : डीवीसी से तीन-तीन घंटा की लोड सेडिंग तीन बार हो रही है. नौ घंटे की लोड सेडिंग के बाद सामान्य आपूर्ति की गुंजाइश नहीं बचती. श्री परितोष की माने तो अगले दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य होगी. इस मसले पर डीवीसी से बात की गयी है.
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