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घोषणा: सात दशक पुरानी है बेरमो कोलफील्ड वर्कर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी लि. वोटर लिस्ट जारी, चुनाव एक दिसंबर को

बेरमो: लगभग सात दशक पुरानी बेरमो कोयलांचल के संडे बाजार स्थित बेरमो कोलफील्ड वर्कर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी लि. का चुनाव एक दिसंबर को है. चुनाव तिथि की घोषणा सोमवार को प्रखंड के बीसीओ जितेंद्र कुमार भगत ने की. उन्होंने संस्था के संडे बाजार स्थित कार्यालय में संस्था के मौजूदा मंत्री, कोषाध्यक्ष एवं कर्मियों के साथ मंत्रणा […]

बेरमो: लगभग सात दशक पुरानी बेरमो कोयलांचल के संडे बाजार स्थित बेरमो कोलफील्ड वर्कर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी लि. का चुनाव एक दिसंबर को है. चुनाव तिथि की घोषणा सोमवार को प्रखंड के बीसीओ जितेंद्र कुमार भगत ने की. उन्होंने संस्था के संडे बाजार स्थित कार्यालय में संस्था के मौजूदा मंत्री, कोषाध्यक्ष एवं कर्मियों के साथ मंत्रणा के बाद सोसाइटी के चुनाव संबंधी कार्यक्रमों घोषणा की. सहायक निबंधक सहयोग समितियां, बेरमो अंचल तेनुघाट के देव नारायण रविदास ने श्री भगत को चुनाव के लिए निर्वाची पदाधिकारी अधिकृत किया है. आज ही मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया.

मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ चुनाव संबंधी सभी कार्यक्रमों का विस्तृत ब्योरा दे दिया गया है. मतदाता सूची को लेकर होनेवाली किसी भी तरह की आपत्ति आगामी दो नवंबर तक दर्ज करायी जा सकती है. निर्वाची पदाधिकारी श्री भगत के अनुसार निर्वाचन की प्रक्रिया 20 नवंबर से शुरू होगी. 21 नवंबर को नामांकन शुरू होगा और इसी नामांकन पर आपत्ति दर्ज की जा सकती है. 21 नवंबर को अपराह्न तीन बजे से नामांकन वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी. जरूरत होने पर चुनाव चिह्न का बंटवारा इसी दिन शाम साढ़े चार बजे से किया जायेगा.

चुनाव के नियम संशोधित : निर्वाची पदाधिकारी श्री भगत ने बताया कि संस्था के चुनाव की सारी प्रशासनिक तैयारी शुरू कर दी गयी है. निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन कटिबद्ध है. बताया कि इस बार चुनाव के नियम संशोधित किये गये हैं. पहले संस्था के पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का था. इसे बढ़ा कर अब पांच साल कर दिया गया है. पहले कोई भी सदस्य दो टर्म ही चुनाव लड़ सकते थे. अब संस्था के जो सदस्य कोल इंडिया व डीवीसी कर्मी हैं, वे अपनी से‍वानिवृत्ति तक चुनाव लड़ सकते हैं.

पहले अध्यक्ष थे बिंदेश्वरी दुबे

सन 1957 में सोसाइटी के पहले चुनाव में बतौर अध्यक्ष इंटक के दिग्गज नेता व बिहार के पूर्व सीएम बिंदेश्वरी दुबे अध्यक्ष, खुशी राम शारद मंत्री एवं राम नारायण सिंह कोषाध्यक्ष चुने गये थे. वर्ष 1959 में अध्यक्ष पर पुन: बिंदेश्वरी दुबे, मंत्री रघुवंश सहाय व कोषाध्यक्ष राम नारायण सिंह चुने गये थे. 1962 में फिर से बिंदेश्वरी दुबे अध्यक्ष, रघुवंश सहाय मंत्री एवं कामेश्वर प्रसाद सिंह कोषाध्यक्ष चुने गये. 1964 के चुनाव में पीआर सिन्हा अध्यक्ष, रघुवंश सहाय मंत्री व कामेश्वर प्रसाद सिंह कोषाध्यक्ष बने. 1965 में बिंदेश्वरी दुबे अध्यक्ष, रघुवंश सहाय मंत्री व कामेश्वर प्रसाद सिंह कोषाध्यक्ष बने. 1973 में रामपदारथ पांडेय अध्यक्ष, रघुवंश सहाय मंत्री व कामेश्वर प्रसाद सिंह कोषाध्यक्ष बने. 1975 में अध्यक्ष राम पदारथ पांडेय, मंत्री राजेश्वर प्रसाद सिंह व कोषाध्यक्ष ईश्वर दत्त मिश्रा बने. 1975 से 1977 से विशेष पदाधिकारी के रूप में इंद्रासन प्रसाद, द्वारिका राम, राजकिशोर सिंह व दुर्गा प्रसाद कार्यरत रहे. 1977 के चुनाव में राजेश्वर सिंह अध्यक्ष, ब्रजकिशोर सिंह मंत्री व सुजान सिंह कोषाध्यक्ष बने. 1983 से 1985 तक ब्रजकिशोर सिंह विशेष पदाधिकारी रहे. 1985 के चुनाव में रामदेव राम अध्यक्ष, विश्वनाथ पांडेय मंत्री एवं रामस्वरूप सिंह कोषाध्यक्ष बने. 1987 से 1992 तक अतिरिक्त विशेष पदाधिकारी के रूप में श्यामाकांत झा, चंदेश्वर सिंह, गोरख प्रसाद सिन्हा, उदयशंकर दुबे एवं रामनरेश राम कार्यरत रहे. 1987 में राम अवतार राम अध्यक्ष, गोरख प्रसाद सान्हा मंत्री व विनोद वर्मा कोषाध्यक्ष चुने गये. वर्ष 2000 में संजय सिंह अध्यक्ष, गोरख प्रसाद सिन्हा मंत्री व श्याम नारायण सतनामी कोषाध्यक्ष बने. 2003-04 में बतौर प्रशासक महेंद्र नारायण सिंह व सहायक प्रशासक गोरख प्रसाद सिन्हा रहे. 2005 में स्व असलम नवाब अध्यक्ष, गोरख प्रसाद सिन्हा मंत्री व एसके मुखर्जी कोषाध्यक्ष बने. वर्ष 2006 से 2010 तक बतौर प्रशासक गोरख प्रसाद सिन्हा तथा बलराम प्रियदर्शी कार्यरत रहे.

तीन पदाधिकारी व आठ सदस्य

एक अध्यक्ष, एक मंत्री व एक कोषाध्यक्ष के अलावा आठ सदस्यों के लिए सोसाइटी का चुनाव होगा. 31 जुलाई 2014 को संपन्न चुनाव में अध्यक्ष किशोरी शर्मा, मंत्री वीरेंद्र कुमार सिंह तथा कोषाध्यक्ष तुषार कांति घोष निर्वाचित हुए थे. इसके पूर्व तीन मई 2011 को हुए चुनाव में भी ये ही लोग चुने गये थे. मौजूदा अध्यक्ष किशोरी शर्मा एवं कोषाध्यक्ष तुषार कांति घोष सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इन सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल आगामी 19 नवंबर 2017 तक रहेगा.

कुल 1342 मतदाता

आगामी एक दिसंबर को होने वाले चुनाव में सीसीएल व डीवीसी के कुल 1342 कर्मी हिस्सा लेंगे. जानकारी के अनुसार इस संस्था में बीएंडके एरिया अंतर्गत एकेके परियोजना, बोकारो कोलियरी, करगली कोलियरी व करगली वाशरी, कारो परियोजना, बेरमो सीम इंक्लाइन, जीएम यूनिट, कथारा एरिया अंतर्गत कथारा कोलियरी, कथारा वाशरी व जीएम यूनिट के अलावा डीवीसी बेरमो माइंस के कर्मी बतौर सदस्य हैं. कभी इस संस्था के सदस्यों की संख्या पांच हजार के करीब सदस्य हुआ करती थी. संस्था से कोल इंडिया व डीवीसी के कर्मियों को अधिकतम 75 हजार रुपये लोन देने का प्रावधान है.

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