रांची: आठ वर्षीय इशांक पटनायक शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे अचानक नंगे बदन नेपाल हाउस पहुंच गया. वह काफी डरा और सहमा हुआ था. इशांक बार-बार दुहरा रहा था कि ललिता आंटी और काजल अंकल उसकी पिटाई करते थे, जिससे वह त्रस्त था. उसके पीठ पर चोट के निशान थे. हाथ की उंगलियों पर टेप बंधा था और सर में हल्की-फुल्की चोट भी थी.
उसका बाल भी छिला हुआ था. वह बताता है कि आज मौका देख कर इशांक घर से भाग कर नेपाल हाउस सचिवालय पहुंच गया. सचिवालय के गेट पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे कपड़ा पहनाया और खाने-पीने का कुछ सामान भी दिया. कुछ देर बाद इशांक को नेपाल हाउस से डोरंडा थाना प्रभारी, थाना परिसर ले आये. देर शाम इशांक को चाइल्ड लाइन कोकर के कार्यकर्ताओं को सुपुर्द कर दिया गया.
मेला में बिछड़ गया है मां-पिता से : ईशांक के अनुसार, वह मेला (दुर्गा पूजा) में अपने पिता देवकृष्ण राव और मां जय मोहिनी से बिछड़ गया. राउरकेला रेल पुलिस उसे कुछ दिनों तक अपने पास रखी. फिर वह जमशेदपुर के एक अनाथ आश्रम में पहुंच गया. वह बताता है जमशेदपुर से ललिता आंटी और एक अन्य आंटी उसे गाड़ी से रांची लायी थी. उसके बाद वह तीन-चार महीने से रांची के नेपाल हाउस के आसपास था. वह बताता है कि उससे घरेलू नौकरों की तरह दिन-रात काम कराया जाता था.