रांची: शैक्षणिक सत्र 2014-15 से स्कूली बच्चों को पोशाक के साथ जूता-मोजा देने की योजना तैयार की गयी है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पोशाक के साथ-साथ जूता दिया जायेगा. शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के निर्देश पर इसकी योजना तैयार की गयी है.
शिक्षा मंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इसके लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है. जूता वितरण पर आने वाले खर्च का आकलन लगभग पूरा कर लिया गया है. इसके लिए राशि का प्रावधान करने संबंधी रिपोर्ट भी तैयार कर ली गयी है. भारत सरकार ने इस सत्र में पोशाक देने के लिए 185 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया है. राज्य सरकार की ओर से जूता का खर्च वहन किया जायेगा.
बैग व पेंसिल बॉक्स देने योजना
बच्चों को बैग व पेंसिल बॉक्स देने की भी योजना है. जूता-मोजा, बैग व पेंसिल वितरण को लेकर गाइड लाइन भी तैयार की जा रही है. बच्चों को स्कूल के प्रति आकर्षित करने, ड्रॉप आउट दर कम करने व सरकारी स्कूल के बच्चों को निजी स्कूल के समकक्ष लाने के उद्देश्य से यस योजना तैयार की गयी है.
नि:शुल्क मिलती हैं किताबें व पोशाक
केंद्र व राज्य सरकार की ओर से कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को वर्तमान में नि:शुल्क पोशाक व किताब देने की योजना चल रही है. इसके लिए 65 फीसदी राशि भारत सरकार व 35 फीसदी राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाती है. बच्चों को दिन का भोजन भी सरकार की ओर से दिया जाता है. अब पोशाक के साथ जूते, बैग व पेंसिल बॉक्स भी देने की योजना है.
राज्य सरकार वहन करेगी खर्च
पोशाक को छोड़कर अन्य सभी खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 50 लाख बच्चों को इसका लाभ मिलेगा. केंद्र द्वारा कक्षा आठ तक की सभी छात्रओं, अनुसूचित जाति व जनजाति व बीपीएल के छात्रों को पोशाक दिया जाता है. एपीएल बच्चों को राज्य सरकार की ओर से पोशाक दिया जायेगा. जूता-मोजा, बैग व पेंसिल बॉक्स वितरण का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को जूता-मोजा, बैग व पेंसिल बॉक्स दिये जायेंगे. इसके लिए योजना तैयार की गयी है. मेरे स्तर से इसकी स्वीकृति भी दे दी गयी है. आगे की कार्रवाई भी जल्द पूरी की जायेगी. राशि की भी व्यवस्था हो जायेगी. इस पर आने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी. गीताश्री उरांव, शिक्षा मंत्री