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धरोहरों का संरक्षण करेंगी कंपनियां

रांची: हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड स्थित बौद्ध कालीन पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण एनटीपीसी और सीसीएल मिल कर करेंगे. इस बात पर सहमति एनटीपीसी चेयरमैन अरूप रॉय चौधरी व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के साथ रविवार को नयी दिल्ली में हुई बैठक में बनी. दोनों के बीच टंडवा व नोर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट के मुद्दे […]

रांची: हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड स्थित बौद्ध कालीन पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण एनटीपीसी और सीसीएल मिल कर करेंगे. इस बात पर सहमति एनटीपीसी चेयरमैन अरूप रॉय चौधरी व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के साथ रविवार को नयी दिल्ली में हुई बैठक में बनी. दोनों के बीच टंडवा व नोर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट के मुद्दे पर बातचीत हुई. टंडवा में एनटीपीसी द्वारा 1980 मेगावाट व नोर्थ कर्णपुरा में 1860 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव है.

बड़कागांव प्रखंड के मुद्दे पर बातचीत करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि वहां बौद्ध कालीन पुरातात्विक धरोहर है.

प्लांट लगने कोल ब्लॉक में विस्फोट होगा जिससे धरोहरों के नुकसान की आशंका जतायी गयी. कहा गया कि इसे कैसे बचाया जाय इसके लिए भारत पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआइ) से अनुरोध किया जायेगा. साथ ही राजीव गांधी फाउंडेशन की मदद से विदेशों से भी सहयोग लिया जायेगा. इस मामले में सीसीएल भी सहयोग करेगा.

टंडवा में काम आरंभ करे कंपनी
मुख्य सचिव ने एनटीपीसी को प्रस्तावित टंडवा पावर प्लांट के लिए काम आरंभ करने की बात कही है. कहा गया कि कोल ब्लॉक के नजदीक ही पावर प्लांट बनना है. प्रस्तावित स्थल में कहीं कहीं जीएम खास जमीन है. जिसका पेपर नहीं मिल रहा था. चतरा के उपायुक्त ने कुछ दस्तावेज जुटाया है. कई दस्तावेज की खोज की जा रही है. इसके लिए चतरा के डीसीएसएल को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

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