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धान खरीद मामले में झारखंड की स्थिति खराब, 30 फीसदी से भी कम हुई धान की खरीदारी

धान उत्पादन में राज्य का अग्रणी जिला गोड्डा में 1080 किसान ही पैक्सों तक पहुंचे. जिले में दो लाख क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य रखा गया था.

देवघर, संजीव मिश्रा : झारखंड में धान खरीद की अवधि समाप्त हो गयी है. इस वर्ष धान खरीद मामले में राज्य की स्थिति काफी खराब रही. राज्य भर में लक्ष्य से 30 फीसदी से भी कम धान की खरीदारी हुई. खासकर, संताल परगना के जिले भी धन की खरीद में काफी पीछे रह गये. इसकी बड़ी वजह यह रही कि धन खरीद की शुरुआत देर से की गयी, जिस कारण किसानों से पैक्सों से अधिक धान खुले बाजार में बेच दिया. विभाग के आंकड़ाें के अनुसार, इस बार राज्य भर में 60 लाख क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 1706788.64 क्विंटल धान की ही खरीदारी हो पायी. वहीं सरकार ने 30 अप्रैल से धान की खरीदारी को बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर में पूर्वी सिंहभूम ही एक ऐसा जिला रहा, जिसने लक्ष्य से अधिक खरीदारी की है. बाकी जिलों ने लक्ष्य का एक चौथाई भी धान नहीं खरीदा है.

धान बिक्री केंद्र खुलने में देरी व भुगतान में पेंच है रहा प्रमुख कारण

धान की खरीदारी में पिछड़ने का प्रमुख कारण विभाग की ओर से धान बिक्री केंद्र खुलने में देरी तथा किसानों को भुगतान करने में पेंच रहा. इससे लोग पैक्सों में धान बेचने की जगह खुले बाजार में बेच दिये. हालांकि इससे किसानों को काफी नुकसान भी हुआ. इस संबंध में सोनारायठाढ़ी प्रखंड के किसान सुदेश महतो बताते हैं कि सरकार की ओर से अधिकतम मूल्य बोनस सहित 2070 रुपये तय किया गया है और पैक्स में नमी के नाम पर प्रति क्विंटल पांच से 10 किलो कम कर दिया जाता है. वहीं धान बेचने के बाद पहली किस्त एक सप्ताह में आती है, बाकी राशि कब आयेगी इसका पता नहीं रहता है. इस कारण बाजार में धान 1800 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल बेच कर नगद पैसा ले लिये. किसान को राशि की तत्काल आवश्यकता होती है और वे सरकारी पेंच में नहीं पड़ना चाहते हैं. किसान को खुले बाजार में अधिक सुविधा मिल रही थी. व्यापारी घर में आकर धान ले जा रहे थे.

25 हजार किसान ही पहुंचे लैंम्पस व पैक्सों तक

राज्य भर के 618 लैम्पस व पैक्सों में कुल 232425 किसान रजिस्टर्ड हैं. किसानों को पैक्स में धान देने के लिए विभाग की ओर से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 378810 मैसेज भेजे गये, बावजूद किसानों की ओर से रुचि नहीं ली गयी. अंत तक पैक्स व लैम्पसों में कुल 25443 किसान ही टर्नअप हुए.

संताल परगना के जिलों की स्थिति रही खराब

पैक्सों में धान खरीदारी में संताल परगना के सभी छह जिलों की स्थिति काफी खराब रही. धान उत्पादन में राज्य का अग्रणी जिला गोड्डा में 1080 किसान ही पैक्सों तक पहुंचे. जिले में दो लाख क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 45427.76 क्विंटल धान की खरीदारी हुई. इसके अलावा देवघर में 22306.29 क्विंटल, साहिबगंज में 26100.56 क्विंटल, पाकुड़ में 44867.13 क्विंटल, दुमका में 8115. 79 क्विंटल व जामताड़ा में 29031.52 क्विंटल धान की खरीदारी हुई.

जिलावार खरीदारी का आंकड़ा

जिला टर्नअप किसान लक्ष्य (लाख क्विंटल में) खरीदारी

गढ़वा 913 2.00 72384.46

चतरा 757 1.50 45899.06

कोडरमा 575 1.00 26537.46

गिरीडीह 1568 3.50 104678.60

देवघर 346 3.00 22306.29

गोड्डा 1080 2.00 45427 .76

साहेबगंज 389 2.00 26100.56

पाकुड़ 387 2.00 44867.13

धनबाद 757 2.00 18858. 28

बोकारो 310 2.00 21743 .22

लोहरदग्गा 132 2.50 8752 .79

ईस्ट सिंहभूम 5743 6.00 608220.31

पलामू 711 2.00 49943.46

लातेहार 545 2.00 19059.60

हजारीबाग 5443 3.50 240658 .32

रामगढ़ 1572 2.00 71742 .79

दुमका 140 3.00 8115. 79

जामताड़ा 497 2.00 29031 .52

रांची 1357 3.50 116510 .29

खुंटी 33 1.50 16601. 53

गुमला 505 3.00 41919.17

सिमडेगा 331 2.00 16023.73

वेस्ट सिंहभूम 668 3.00 35630 .77

सरायकेला खरसावां 384 3.00 15775 .75

कुल 25443 60.00 1706788.64

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