नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान देश में अचानक ही बच्चों की तस्करी की घटनाओं में कथित रूप से इजाफा होने के मद्देनजर इस पर अंकुश लगाने के लिये नीति तैयार करने के लिये दायर जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जवाब मांगा़ प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहयोग करने का आग्रह किया.
पीठ ने इसके साथ ही संकेत दिया कि बाल तस्करी के मसले पर गौर करने के लिए वह विशेषज्ञों की समिति गठित कर सकती है. नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने गृह मंत्रालय, श्रम व अधिकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ ही नौ राज्यों को नोटिस जारी किये.
इन राज्यों में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तेलंगाना शामिल हैं. इस संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूल्का ने कहा कि इस मामले में सभी जिला प्राधिकारियों को समावेशी दृष्टिकोण अपनाना होगा, ताकि इस तरह की बढ़ रही घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके.