नयी दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए और इसके विनिर्माताओं को सूचीबद्ध किया. सूचीबद्ध विनिर्माताओं में दो चीनी कंपनियां भी शामिल हैं जिनके आयातक लाइसेंस केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसलिए रद्द कर दिए थे क्योंकि इन किटों के परिणामों में काफी भिन्नता थी. आईसीएमआर ने हालांकि अपने निर्देश में स्पष्ट किया कि रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट कोविड-19 के निदान के लिए नहीं हैं. बुधवार को जारी निर्देश में आईसीएमआर ने कहा कि ये परीक्षण रक्त/सीरम/प्लाज्मा नमूनों पर किए जा सकते हैं जिनके परिणाम 30 मिनट में मिल जाते हैं और परीक्षण संक्रमण के 7-10 दिन में पॉजिटिव आते हैं.
नौ अस्पताल को मंजूरी
इधर, कोविड-19 बीमारी का कारगर इलाज खोजने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से शुरू किये गये ‘एकजुटता परीक्षण’ कार्यक्रम के तहत नैदानिक परीक्षण के लिए अब तक नौ अस्पताल को मंजूरी दी गई है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को यह जानकारी दी. परीक्षण के लिए चुने गए अस्पतालों में नैदानिक परीक्षण के दौरान उपचार के चार प्रोटोकॉल रेमडेसिवीर (लोपिनावीर और रिटोनावीर का संयोजन), हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और लोपिनावीर एवं रिटोनावीर का इंटरफेरॉन बीटा -1ए के साथ मूल्यांकन किया जाएगा.
ये नैदानिक परीक्षण जोधपुर एम्स, चेन्नई के अपोलो अस्पताल, अहमदाबाद आधारित बीजे मेडिकल कॉलेज एवं सिविल अस्पताल और भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में होंगे. आईसीएमआर-राष्ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्थान के महामारी विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ शीला गोडबोले ने कहा, ” आवश्यक विनियामक और अनुमति पहले ही प्राप्त की जा चुकी है और देश में कोविड-19 मरीजों की भर्ती के साथ ही परीक्षण शुरू किया जा चुका है. अब तक, नौ अस्पताल को मंजूरी मिली है. हालांकि, योजना पूरे भारत में कम से कम 20-30 नैदानिक परीक्षण स्थानों को जोड़ने की है.”
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 78 हजार के करीब पहुंच गई. वही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर करीब करीब ढाई हजार का आंकड़ा छूने लगी है. वही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 74 हजार के पार चले गए है. इसके बाद भी संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.