उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के आबकारी नीति मामले में पूछताछ को लेकर सीबीआई के समक्ष पेश होने के लिए समय मांगा. उन्होंने 27 फरवरी के बाद का समय मांगा है.
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली बजट की तैयारी का दिया हवाला
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया, मुझे CBI से आज पूछताछ करने का नोटिस मिला था, मैंने उनसे अनुरोध किया है कि दिल्ली की बजट की तैयारी के कारण फरवरी के बाद वे किसी भी दिन का समय दें. बजट की तैयारी अपनी अंतिम चरण में है, फरवरी के अंत तक यह पूरा हो जाएगा.
आरोपपत्र दायर करने के तीन महीने बाद सीबीआई ने सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया
दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपपत्र दायर करने के लगभगत तीन महीने बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुलाया है. अधिकारियों ने बताया कि आरोपपत्र में सिसोदिया को आरोपी नहीं बनाया गया है क्योंकि उनके और अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच अब भी जारी है.
पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी
आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग का प्रभार भी है. सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी और मामले में उनके घर एवं बैंक के लॉकरों की तलाशी ली गई थी. एक अधिकारी ने कहा, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और इसे लागू करने में बड़ी साजिश तथा मामले में धन कहां से आया कहां गया इस संबंध में आगे की जांच जारी है.
सिसोदिया ने मोदी सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
सिसोदिया ने ट्वीट करके बताया कि तलाशी के दौरान उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला था और वह जांच में सहयोग करते रहेंगे. उन्होंने कहा, सीबीआई ने फिर बुलाया है. मेरे खिलाफ इन्होंने सीबीआई, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की पूरी ताकत लगा रखी है, घर पर छापे, बैंक लॉकर तलाशी, कहीं मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला. उन्होंने परोक्ष तौर पर केंद्र की इशारा करते हुए कहा कि सीबीआई को उनके पीछे लगाया गया है क्योंकि वे (केंद्र) उन्हें दिल्ली में बच्चों की शिक्षा पर अच्छा काम नहीं करने देना चाहते. उन्होंने कहा, मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम किया है. वे मुझे रोकना चाहते हैं. मैंने जांच में हमेशा सहयोग किया है और करूंगा. पिछले साल 25 नवंबर को दायर आरोपपत्र में दर्ज सात आरोपियों में गिरफ्तार व्यवसायी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली के नाम शामिल हैं. आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस प्रदान करने की दिल्ली सरकार की नीति से कुछ डीलरों को लाभ मिला, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी.