Delhi Liquor Scam Case: सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद से इस मामले को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. बताते चलें कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तार के बाद एक बार फिर दिल्ली का कथित शराब घोटाला सुर्खियों में आ गया है. इन सबके बीच, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई किन आधारों पर हुई है, ये बात भी सामने आ गई है.
दिल्ली शराब घोटाले के बारे में जानिए अहम बातें
जांच 2021 में पेश की गई दिल्ली शराब बिक्री नीति से संबंधित है. मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख हैं और इसी कारण वह सीबीआई के निशाने पर रहे थे. बता दें कि दिल्ली की ये विवादित शराब बिक्री नीति वापस ली जा चुकी है. नई शराब नीति के तहत, अधिकांश राज्यों में मानदंडों से हटकर सरकार का अब शराब बेचने से कोई लेना-देना नहीं था और केवल निजी दुकानों को ही ऐसा करने की अनुमति थी. इसका मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना और राजस्व में वृद्धि करने के साथ ही उपभोक्ताओं के अनुभव में सुधार करना था. इसने शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी थी. लाइसेंसधारी असीमित छूट भी दे सकते थे. सरकार ने नीति से आय में 27 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि की सूचना दी थी, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. बाद में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपी गई.
सिसोदिया पर क्या है आरोप
दिल्ली के शीर्ष नौकरशाह की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मनीष सिसोदिया पर नियमों को झुकने और शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगा है. तब दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई (CBI) जांच के लिए कहा. इसके कुछ ही समय बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीति रद्द होने जा रही है, क्योंकि बीजेपी विक्रेताओं को डराने के लिए अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है. उन्होंने एलजी वीके सक्सेना के पूर्ववर्ती अनिल बैजल को अंतिम-मिनट के परिवर्तन के लिए भी दोषी ठहराया था. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तभी केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर थे. पिछले साल सीबीआई ने उनके घर सहित 31 स्थानों पर छापेमारी की थी.
केजरीवाल ने कहा था, शराब घोटाले जैसी कोई चीज नहीं
बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली शराब घोटाले की जांच शुरू की. दावा किया गया कि एक शराब लॉबी ने गोवा चुनाव अभियान के लिए एक के माध्यम से आम आदमी पार्टी को रिश्वत में कम से कम 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसके बाद, ईडी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को फंसाने और बीजेपी के एक अन्य तीखे आलोचक के रूप में जांच का दायरा बढ़ाया और उनके पूर्व लेखाकार को गिरफ्तार किया. इसने दावा किया कि नीति से सरकार को 2,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं, आप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जांच राजनीतिक हिसाब बराबर करने की बीजेपी की कोशिश है. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी सुनिश्चित किया था कि वह जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करेगी. AAP के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि शराब घोटाले जैसी कोई चीज नहीं है. हमने देश में सबसे अच्छी और सबसे पारदर्शी नीति बनाई है.