32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

सूने पड़े वैशाली के पर्यटन स्थल

कई ऐतिहासिक पलों को अपने दामन में समेटे खड़ी लोकतंत्र की जननी वैशाली आदिकाल से ही देश-दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती रही है.

वैशाली : कई ऐतिहासिक पलों को अपने दामन में समेटे खड़ी लोकतंत्र की जननी वैशाली आदिकाल से ही देश-दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती रही है. भगवान महावीर की जन्मभूमि व भगवान बुद्ध की कर्मभूमि वैशाली देश-दुनिया के जैन व बौद्ध धर्मावलंबियों के आस्था का प्रमुख केंद्र है. वैशाली की धरती सालों भर देसी-विदेशी सैलानियों से गुलजार रहा करती थी. विश्व शांति स्तूप, रैलिक स्तूप, अभिषेक पुष्करिणी आदि कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं, जहां रोजाना सैकड़ों सैलानी आते हैं.

मुख्यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना के तहत भी यहां रोजाना विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों बच्चे वैशाली के इतिहास से रूबरू होने पहुंचते थे. लेकिन इन दिनों यहां की तस्वीर बदली-बदली सी दिख रही है. वैशाली की बदली-बदली सी दिख रही इस तस्वीर का कारण, पूरी दुनिया को आतंकित करने वाले कोरोना वायरस का डर है. कोरोना वायरस के डर की वजह से देसी-विदेशी सैलानी यहां नहीं आ पा रहे हैं. कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट सरकार ने भी कई देशों के यात्रियों के आने पर रोक लगा रखी है.

कम आ रहे सैलानी : वैसे तो सालों भर देसी-विदेशी सैलानियों का वैशाली आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अक्तूबर से मार्च महीने तक सैलानियों की भीड़ काफी ज्यादा बढ़ जाती है. सहायक पुरातत्वविद् विक्रम झा के अनुसार मार्च महीने के बाद सैलानियों का आना थोड़ा कम हो जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के डर की वजह से फरवरी महीने से सैलानियों का आना काफी कम हो गया है.

हर ओर दिख रहा कोरोना का असर : वैशाली दुनिया भर के बौद्ध व जैन धर्मावलंबियों के आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां बड़ी संख्या में विभिन्न देशों के बौद्ध व जैन धर्मावलंबी भगवान महावीर और भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करने के लिए आते रहते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के डर की वजह से इनका आना भी यहां कम हो गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें