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एटीएम से रुपये उड़ानेवाले धराये

नवादा के रहने वाले हैं सभी उचक्के हाजीपुर : वैशाली साइब्रर क्राइम सेल ने बैंक पदाधिकारी बनकर एटीएम से रुपये उड़ाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के चार सदस्यों को धर दबोचा. गिरोह का मास्टरमाइंड को डेढ़ माह पहले ही जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी. पुलिस ने उसके पास […]

नवादा के रहने वाले हैं सभी उचक्के
हाजीपुर : वैशाली साइब्रर क्राइम सेल ने बैंक पदाधिकारी बनकर एटीएम से रुपये उड़ाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के चार सदस्यों को धर दबोचा. गिरोह का मास्टरमाइंड को डेढ़ माह पहले ही जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी. पुलिस ने उसके पास से छह मोबाइल, विभिन्न बैंको के बारह एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, आठ मुहर, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बरामद किया है.शुक्रवार को एसपी राकेश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किये गये अपराधियों में नवादा जिले के मिसकौर थाना क्षेत्र के बड़ोसर गांव निवासी सनोज कुमार, उसी थाना क्षेत्र के पूर्णाडीह गांव का रहने वाला विवेक कुमार, हिसुआ थाने के मजवे गांव का विकास कुमार और उसी थाने के लटावर गांव का मनीष कुमार शामिल हैं.
एसपी ने बताया कि नगर थाना क्षेत्र में बीते दिसम्बर माह में एक महिला को बैंक पदाधिकारी बनकर उसके एटीएम से रुपए की निकासी कर ली गयी थी. पीड़िता के बयान पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मामले की जांच के लिए एक साइबर सेल का गठन किया गया था.
टीम जांच पड़ताल कर ही रही थी कि इसी दौरान टीम को पता चला कि गिरोह के शातिर सदस्य नवादा जिले में छिपे हुए हैं.इसके बाद पुलिस अवर निरीक्षक अनिल कुमार के नेतृत्व में साइबर सेल के अवर निरीक्षक आरीज एहकाम, नगर थाने के ज्ञानशंकर तिवारी और सशस्त्र बलों की टीम को नवादा भेजा गया. टीम मिसकौर और हिसुआ पुलिस के सहयोग से वहां छापेमारी की.
टीम ने पहले बड़ोसर गांव में छापेमारी की और सनोज को गिरफ्तार कर लिया. सनोज टेलीकॉम नाम से उसने मोबाइल की दुकान खोल रखी थी. इसी दुकान से वह सीम बेचा करता था. उसने पुलिस को बताया कि विवेक कुमार ने फर्जी आईडी के आधार पर उसके यहां से सीम खरीदा था. इसके बाद पुलिस ने विवेक को गिरफ्तार कर लिया.विवेक की निशानदेही पर टीम ने मनीष को धर दबोचा.
तीनों की निशानदेही पर टीम ने मनीष को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार चारों ने पुलिस के समक्ष इस बात को स्वीकार किया कि गिरोह का सरगना दीपक चौरसिया और मास्टर माइंड विकास चौरसिया है. एक फर्जीबाड़े के मामले में जयपुर पुलिस ने दोनों को डेढ़ माह पहले गिरफ्तार कर अपने साथ लेकर जयपुर चली गयी है.

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