हाजीपुर : औद्योगिक थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े पश्चिम बंगाल के सोने के दोनों कारोबारियों ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं. इसके बाद जिले के कई चर्चित और ओहदेदार स्वर्ण व्यवसायी को पुलिस ने रडार पर ले लिया है. एसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कुछ स्वर्णकारों को चिह्नित कर उसके कारोबार के संबंध में जांच-पड़ताल कर रही है. उनके दुकानों से हो रही आभूषणों की खरीद-बिक्री पर टीम की पैनी नजर है. ऐसे चिह्नित दुकानदारों में हाजीपुर के आठ, महुआ के चार जबकि एक लालगंज के स्वर्ण व्यवसायी हैं. टीम उनके मोबाइल का लोकेशन और सीडीआर खंगाल रही है.
प्रारंभिक जांच में चार व्यवसायियों के मोबाइल का टावर लोकेशन पटना में मिला है, जिसके आधार पर पुलिस इस दिशा में अनुसंधान कर रही है कि चारों व्यवसायी पश्चिम बंगाल से आये सोने के कारोबारी से मिलने पटना गये थे. कारोबारी ने सोने की बिस्कुट की ड्रिलिंग कर नमूना भी उन्हें सौंपा था.
पौने दो किलो सोने के साथ पकड़ाये थे दो कारोबारी : औद्योगिक थाने की पुलिस ने एक माह पूर्व पासवान चौक के समीप से पश्चिम बंगाल के रहनेवाले सोने के दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया था. इस संबंध में कांड संख्या 68/17 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया था. बीते नौ अप्रैल की घटना में गिरफ्तार नज्जो उर्फ नजो साह पश्चिमी मिदनापुर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र का, जबकि दूसरा मो. फकरूद्दीन पताड़पुर थाना क्षेत्र का रहनेवाला था. पुलिस ने दोनों के पास से पौने दो किलो सोना बरामद किया था. वर्ष 2003 में भी दोनों कारोबारी मिदनापुर थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये थे. उस दौरान उनके पास से पुलिस ने 750 ग्राम सोना बरामद किया था. इस मामले में दोनों को गिरफ्तार कर मिदनापुर पुलिस ने जेल भेजा था.
पहली बार हाजीपुर में आये थे दोनों कारोबारी : पुलिस द्वारा दबोचे जाने के बाद नज्जो और मो. फकरुद्दीन ने इस बात का खुलासा किया था कि वे दोनों तीन साल पहले बिहार के भागलपुर में सोने की खरीद-बिक्री के सिलसिले में आये थे. इस दौरान भागलपुर के कई स्वर्ण व्यवसायियों से मिले थे और करोड़ों रुपये के सोने का कारोबार किया था. हाजीपुर में सोने की बिक्री के लिए दोनों पहली बार आये थे. जिले के जंदाहा बाजार के रहनेवाले और पश्चिम बंगाल में सोने की आभूषणों को बनानेवाले एक कारीगर ने लाइनर का काम किया था. हाजीपुर के कुछ स्वर्ण व्यवसायी से खरीद-बिक्री की बातचीत चल रही थी. सोने की शुद्धता की जांच के लिए बिस्कुट की ड्रिलिंग कर उन्हें नमूना भी दिया गया था.