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दियारे में बनी शराब की पटना में है डिमांड

सोमवार को छापेमारी में आठ भट्ठियां की गयीं ध्वस्त हाजीपुर : भौगोलिक दृष्टिकोण से चारों तरफ से नदी से घिरा राघोपुर प्रखंड का दियारा क्षेत्र देशी शराब बनाने के लिए बीते कई वर्षो से सुर्खियों में रहा है. 20 पंचायतों के इस प्रखंड में एक दर्जन से अधिक पंचायतों में देशी शराब बनाये जा रहे […]

सोमवार को छापेमारी में आठ भट्ठियां की गयीं ध्वस्त
हाजीपुर : भौगोलिक दृष्टिकोण से चारों तरफ से नदी से घिरा राघोपुर प्रखंड का दियारा क्षेत्र देशी शराब बनाने के लिए बीते कई वर्षो से सुर्खियों में रहा है. 20 पंचायतों के इस प्रखंड में एक दर्जन से अधिक पंचायतों में देशी शराब बनाये जा रहे हैं. खास कर नदी किनारे और दियारा क्षेत्र में धंधेबाज धड़ल्ले से शराब बनाते हैं. स्थानीय पुलिस अथवा उत्पाद विभाग की टीम जब भी इन इलाकों में छापेमारी करती है, तो इस क्षेत्र में अवैध शराब बनाने का खुलासा होता है. सोमवार को उत्पाद विभाग की टीम द्वारा की गयी छापेमारी के दौरान टीम ने आठ भट्ठियों को ध्वस्त किया.
इन भट्ठियों के पास से टीम ने 55 ड्रमों में रखे 11 हजार किलो महुआ-जावा बरामद किया. दियारा क्षेत्र में इतनी बड़ी मात्रा में महुआ जावा की बरामदगी कोई पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी पुलिस ने राघोपुर दियारा इलाके से छापेमारी की थी और दर्जनों भट्ठियों को ध्वस्त किया था. दियारा क्षेत्र में तैयार देशी शराब की राजधानी पटना में विशेष रूप से ज्यादा डिमांड है. पटना में दियारा क्षेत्र की बनी शराब की मांग अधिक होने के कारण ही धंधेबाज
देशी शराब बनाते हैं और खुल कर पटना के विभिन्न इलाकों में अपना व्यापार करते हैं.दूध के कन्टेनर में पहुंचायी जाती है देशी शराब : राघोपुर प्रखंड क्षेत्र से रोजाना सैकड़ों साइकिल सवार दूध के कंटेनर लेकर राजधानी पहुंचते हैं. इसमें कुछ तो दूध के कारोबारी होते हैं, लेकिन ज्यादातर कंटेनरों में देशी शराब होती है.
आम लोग और पुलिस भी कंटेनर में दूध समझ जांच-पड़ताल नहीं करते हैं. पुलिस को भ्रमित करते हुए धंधेबाज पटना के मुख्य बाजारों में देशी शराब लेकर पहुंच जाते है. इनका ठिकाना शहर के गलियों और खाली पड़े स्थान पर खुले हुए खटाल होता है. इन्हीं स्थानों से आसपास के क्षेत्रों में तैयार देशी शराब की खेप ग्राहकों तक पहुंच जाती है. एक धंधेबाज ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए साइकिल पर लदे चार कंटेनर में एक या दो में दुध रखते है. शेष दो कंटेनर में देशी शराब रखते है. जब कभी पुलिस जांच- पड़ताल करती है, तो उस समय दूध वाला कंटेनर खोल कर दिखा देते हैं.
नदी के रास्ते पहुंचायी जाती है बड़ी खेप : राघोपुर दियारा क्षेत्र में तैयार देशी शराब को पटना और आसपास के जिलों में पहुंचाने के लिए नदी के रास्ते का भी धंधेबाज उपयोग करते हैं. इसके लिए नाविकों और मछुआरों को धंधेबाजों द्वारा एक मोटी राशि मुहैया करायी जाती है.
खासकर शिवकुमारपुर दियारे में तैयार देशी शराब को नदी के रास्ते पटना के उन घाटों पर धंधेबाज लेकर पहुंचते हैं, जिन घाटों पर लोगों का आना-जाना कम होता है. धंधेबाजों के तार पटना के बांस घाट के समीप गुमटीनुमा दुकान, कच्ची दरगाह घाट पर स्थित पान और मसाले की दुकानों और नदी किनारे स्थित चिमनी भट्ठों पर काम करने वाले लोगों से जुड़ा होता है. रात के अंधेरे में धंधेबाज इन स्थानों पर तैयार देशी शराब का गैलन पहुंचा देते हैं. कुछ धंधेबाज पैकिंग किया गया माल भी इन लोगों को सप्लाइ करते हैं. देशी शराब पीनेवालों को भली भांति यह जानकारी होती है कि किस दुकान में दियारा क्षेत्र की बनी हुई शराब उपलब्ध है.

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