दुखद . राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-77 के एकारा गुमटी फ्लाइओवर पर हुई घटना
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सड़क हादसे में प्रेस फोटोग्राफर की मौत
दुखद . राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-77 के एकारा गुमटी फ्लाइओवर पर हुई घटना हाजीपुर : एक वाहन ने दूसरे को ठोकर मारी. लगातार चार वाहनों के टकराने के बाद हिंदी दैनिक के छायाकार सह पत्रकार आदित्य प्रकाश को बोलेरो ने ठोकर मार दी, जिससे उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. बिहार के वैशाली जिले में […]
हाजीपुर : एक वाहन ने दूसरे को ठोकर मारी. लगातार चार वाहनों के टकराने के बाद हिंदी दैनिक के छायाकार सह पत्रकार आदित्य प्रकाश को बोलेरो ने ठोकर मार दी, जिससे उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. बिहार के वैशाली जिले में एक सड़क हादसे में आदित्य प्रकाश उर्फ मंजन की मौत हो गयी. यह घटना हाजीपुर-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-77 के एकारा गुमटी फ्लाइओवर पर हुई. 25 वर्षीय मंजन देसरी थाने के खोकसा गांव निवासी बिजली विभाग से सेवानिवृत रामनरेश सिंह के पुत्र थे और हाजीपुर में रह कर एक दैनिक अखबार में छायाकार के रूप में काम करते थे.
उनकी मौत से पूरे जिले सहित राज्य का पत्रकार जगत शोक में है. मंजन के छोटे भाई की मौत दो वर्ष पूर्व हो गयी थी और उनके दो और बड़े भाई हैं. मंजन शनिवार के अहले सुबह हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 पर हुए एक सड़क दुर्घटना की खबर और तसवीर लेने के लिए गये हुए थे. घने कोहरे और धुंध में एनएच-77 पर आये दिनों कई घटनाएं हो रही हैं, जिसकी विशेष कवरेज के लिए मंजन अपने एक और पत्रकार मित्र के साथ थे. सुबह छह बजे घटना की तसवीर लेते हुए उन्हें मुजफ्फरपुर से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने ठोकर मार दी. ठोकर काफी तेज होने के कारण उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.
घटना के तुरंत बाद बोलेरो चालक गाड़ी सहित फरार हो गया. घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने एनएच-77 को जाम कर दिया.
अपने काम में सुस्त जिला प्रशासन को लगे चार घटे : घटना की सूचना तुरंत जंगल में आग की तरह पूरे जिले और आसपास फैल गयी. इस बात की सूचना जिला प्रशासन को भी तुरंत दे दी गयी. लेकिन अपने काम और व्यवहार से सुस्त जिला प्रशासन के अधिकारी और पदाधिकारी को मौके पर पहुंचने में चार घंटे लग गये. चार घंटे तक जिले के चौथे स्तंभ के छायाकार का शव घटनास्थल पर पड़ा रहा. इस दौरान उपस्थित लोगों ने भी सड़क पर टायर जला कर राज्यमार्ग पर आवागमन बंद कर दिया. घटनास्थल पर उपस्थित लोगों में चर्चा चल रही थी कि एक पत्रकार की मौत पर प्रशासन को इतना वक्त लग रहा है, फिर आम जनता का कितना फिक्र करेंगे.
चार दिनों से बीच एनएच पर खड़ी है दो दुर्घटनाग्रस्त ट्रक : घटनास्थल पर एसडीओ रवींद्र कुमार चार घंटे बाद पहुंचे. पहुंचने के बाद उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को न्याय दिलाने और तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर लोगों ने मंजन के शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया. एसडीओ को ग्रामीणों के बताया कि गत दो हफ्ते से यहां हर दूसरे दिन कोई-न-कोई घटना होते रहती है. चार दिनों पहले एक घटना में दो ट्रक आपस में भिड़ गया था, जिसे अब तक सड़क से नहीं हटाया गया है. एसडीओ ने भी खानापूर्ति की और अधिकारियों को उसे हटाने का निर्देश दिया.
मंजन का शव सदर थाने पहुंचते ही उनके परिजन और चाहने वाले पहुंच गये. सैकड़ों की संख्या में उनके ग्रामीण भी वहां पहुंचे हुए थे. रोते- बिलखते परिजनों और गमगीन ग्रामीणों को कुछ समझ नहीं आ रहा था से कैसे हो गया. एक हस्ता-खेलता और मिलनसार नौजवान अब उनके बीच नहीं है. उसके वृद्ध माता-पिता और नवविवाहिता पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं चार वर्षीय मंजन की बेटी पीहू सदमे में है. अंतिम संस्कार के वक्त भी वह कोनहारा घाट पर अपने पिता के शव के पास ही थी. बड़े भाई अमित रंजन उर्फ बबलू ने उन्हें मुखाग्नि दी और पत्रकार जगत के एक होंजर छायाकार सह पत्रकार पंचतत्वों में विलीन हो गये.
तसवीर ले रहे थे आदित्य प्रकाश उर्फ मंजन
अंतिम संस्कार में लोग और बेटी पिहू व इनसेट में आदित्य कुमार की तसवीर.
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