बिदुपुर : पूर्व से निर्धारित नमामि गंगे योजना के तहत खुले में शौच मुक्त अभियान की समीक्षा के लिए बीडीओ डी एल यादव की अध्यक्षता में स्थानीय प्रखंड मुख्यालय सभागार में होने वाली ओरिएंटेशन बैठक कोरम के अभाव में रद्द करनी पड़ी. बीडीओ ने डीएम से शिकायत की चेतावनी देकर अगली बैठक की तैयारी पर चर्चा की.
हालांकि जीविकाकर्मियों के आगमन की प्रतीक्षा के लिए बीडीओ सुबह 8 बजे से 10 बजे तक इंतजार करते रहे. प्रखंड के तरन पंचायतों बिदुपुर, कुत्तुबपुर एवं दिलावरपुर गोवर्धन में आगामी 25 अक्तूबर तक खुले में शौच से मुक्त करने के लिए जागरूकता में तेजी लाने के लिए जीविकाकर्मियों के साथ ओरिएंटेशन बैठक होनी थी
बैठक में जीविका के 43 सीएम में मात्र छह सीएम ही उपस्थित हुए. साथ ही साथ सात टीसीसी में मात्र दो टीसीसी ही बैठक में उपस्थित हुए. हद तो तब हो गयी की प्रभारी बीपीएम एवं एरिया समन्वयक नीरज कुमार ने भी बैठक में उपस्थित होना मुनासिब नहीं समझे.
बैठक में घंटों इंतजार करने के बाद बीडीओ डीएल यादव आक्रोशित हो गये और इन सभी की शिकायत डीएम से करने की चेतावनी दी. बीडीओ ने कहा कि प्रखंड के तीन पंचायत बिदुपुर, दिलावरपुर गोवर्धन एवं कुत्तुबपुर का अहले सुबह ही कई समस्याओं को लेकर औचक निरीक्षण किया, जिसमें जीविका और सीएलटीएस के कोई भी कर्मी उपस्थित नहीं रहे. बैठक में मथुरा पंचायत की सीएम कोमल कुमारी से बीडीओ ने पूछा की ओडीएफ के लिए आपके पास क्या कार्य योजना है,
इस पर सीएम कोमल कुमारी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पायीं. बैठक में बीडीओ ने कहा की कुत्तुबपुर में शौचालय निर्माण को लेकर जय किशुन राम, धनवंती देवी, हरगोविंद पासवान एवं दिलीप पासवान का जमीन संबंधी विवाद था. जबकि विधवा अनीता देवी के पास राशि मिलने की आशंका को लेकर निर्माण कार्य बाकी था. जिसे उन्होंने अपने स्तर से रविवार की सुबह फॉलोअप के दौरान निष्पादित किया गया.