हाजीपुर : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ भोला नाथ तिवारी ने मंगलवार को एक युवक की हत्या के एक मामले में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. मृतक के ससुर व भगवानपुर थाने के खिरखौंआ निवासी रघुवंश सिंह और मृतक के साले पशुपति सिंह को आजीवन कारावास के साथ-साथ दस-दस हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
मालूम हो कि नौ साल पहले चार सितंबर, 2007 को मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाना क्षेत्र के चकना गांव निवासी चंदन कुमार खिरखौंआ गांव स्थित अपनी ससुराल में पत्नी को विदा कराने आया था. चंदन को जानकारी दिये बिना ससुराल वालों ने उसकी पत्नी को दिल्ली भेज दिया था. इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा और रघुवंश सिंह ने अपने पुत्र पशुपति कुमार के सहयोग से चंदन की गला दबा कर हत्या कर दी थी.
इस संबंध में मृतक के भाई संजय कुमार के बयान पर भगवानपुर थाने में कांड संख्या 84/2007 के तहत हत्या की प्राथमिकी दर्ज हुई थी. प्राथमिकी में सास मिथिलेश देवी को भी नामजद किया गया था, लेकिन न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में उसे पहले ही बरी कर दिया था. न्यायाधीश श्री तिवारी ने साक्ष्य के आधार पर मृतक के ससुर और साले को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा और दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड का फैसला सुनाया. सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक शब्द कुमार दूबे ने बहस की.