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प्रभु बने अध्यक्ष, पंकज उपाध्यक्ष

चुनाव. 40 जिला पार्षदों ने किया मतदान, निर्विरोध निर्वाचन पर सभी में हर्ष अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य ने नहीं किया नामांकन हाजीपुर : वैशाली जिला पर्षद के अध्यक्ष पद पर प्रभु साह निर्विरोध चुन लिये गये. वहीं, उपाध्यक्ष पद पर हुए मतदान में पंकज कुमार उर्फ पंकज ठाकुर निर्वाचित घोषित किये गये हैं. […]

चुनाव. 40 जिला पार्षदों ने किया मतदान, निर्विरोध निर्वाचन पर सभी में हर्ष

अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य ने नहीं किया नामांकन
हाजीपुर : वैशाली जिला पर्षद के अध्यक्ष पद पर प्रभु साह निर्विरोध चुन लिये गये. वहीं, उपाध्यक्ष पद पर हुए मतदान में पंकज कुमार उर्फ पंकज ठाकुर निर्वाचित घोषित किये गये हैं. वैशाली जिला पर्षद की कुल 41 सीटों में 40 सीटों पर चुनाव कराये गये थे. एक सीट संख्या 12 पातेपुर में एक प्रत्याशी की दुघटना में मौत के कारण चुनाव को स्थगित रखा गया है.
गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में सबसे पहले डीएम रचना पाटील ने सभी 40 निर्वाचित सदस्यों को पद एवं गोपनीयता का शपथ दिलायी. उसके बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई. अध्यक्ष पद पर एकमात्र प्रत्याशी राजापाकर प्रखंड क्षेत्र संख्या 27 के सदस्य प्रभु साह ने नामांकन किया, जिससे उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया गया. उपाध्यक्ष पद के लिए वैशाली क्षेत्र संख्या एक की कुमारी बबीता रानी, हाजीपुर क्षेत्र संख्या 22 के पंकज ठाकुर और राघोपुर क्षेत्र संख्या 39 की रूणा देवी ने नामांकन किया.
बाद में मतदान कराया गया, जिसमें पंकज ठाकुर को 21, कुमारी बबीता रानी को 12 और रूणा देवी को 6 मत प्राप्त हुए. इस तरह पंकज ठाकुर को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया गया. मतदान के दौरान एक मतपत्र के सादा पाये जाने उसे रद्द कर दिया गया था.
मालूम हो कि उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन
मैट्रिक पास प्रभु साह का राजनीति से नहीं रहा है कभी वास्ता
राजापाकर. प्रखंड क्षेत्र के बैकुंठपुर निवासी प्रभु साह पहली बार क्षेत्र 27 से जिला पर्षद सदस्य बने और उन्होंने जाफरपट्टी पंचायत के मुखिया पति दिलीप साह को कड़े मुकाबले में परास्त किया था. उसी समय से प्रखंड ही नहीं जिले में भी अटकलें लग रही थी कि अतिपिछड़ा सीट होने के कारण उनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता है और वह जिला पर्षद अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जाते थे. बैकुंठपुर निवासी बसंत साह के 40 वर्षीय पुत्र प्रभु साह तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. बड़े भाई किशोरी साह, दूसरे दिलीप साह और तीन नंबर में प्रभु साह हैं. उनके पिता बसंत साह शुरू में गल्ला का व्यवसाय करते थे. हाट बाजार में जाकर गल्ला की दुकान लगाते थे. उस काम में प्रभु साह भी मदद करते थे. वह भी साइकिल पर चावल-गेहूं लाद कर हाट में बेचने जाया करते थे. उनका घर पर भी गल्ला किराना की दुकान थी. मैट्रिक पास प्रभु साह इधर कुछ दिनों से वह राजनीति में रुचि लेने लगे थे.

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