हाजीपुर : मौसम का रुख बदलते ही ठंड अपने शबाब पर आ गयी है. मंगलवार को ठंड से पूरा शहर ठिठुरता नजर आया. दिन भर सूरज बादलों में ढका रहा और लोगबाग ठंड से परेशान रहे. इस बार की ठंड में मंगलवार को ऐसा पहली दफा हुआ, जब लोगों ने दोपहर के वक्त भी आग और अलाव की आवश्यकता महसूस की. स्थानीय सदर अस्पताल परिसर और शहर के विभिन्न स्थानों पर लोग दिन में अलाव तापते दिखे.
कड़ाके की ठंड ने ज्यादातर लोगों को अपने घरों में ही दुबके रहने पर विवश किया. बाजार में अन्य दिनों के मुकाबले काफी कम भीड़ देखी गयी. शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगा. तापमान का रिकार्ड देखें, तो अगले दिनों में ठंड और बढ़ने वाली है. मंगलवार को तापमान अधिकतम 24 और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
शाम पांच बजे तापमान गिरकर 15 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. शाम के बाद पारा गिरने से ठंड में इजाफा हो गया. सर्द हवाओं ने लोगों को कनकनी का एहसास दिलाया. अचानक बढ़ी ठंड का असर जन जीवन पर व्यापक तौर पर देखा गया. लोग ऊपर से नीचे तक पूरे बदन को कपड़ों से ढके नजर आये.
ठंड से बढ़ी मरीजों की संख्या : महुआ. मंगलवार की दोपहर बाद अचानक मौसम में आये बदलाव के साथ ही शीत लहर का प्रकोप जारी हो गया है. इससे लोगों की परेशानी भी बढ़ गयी है. ठंड के साथ ही बह रही तेज हवा से लोग ठिठुरने लगे हैं. कनकनाती हवा के कारण नवजात शिशु से लेकर 8 से 10 वर्ष तक के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होने लगी है. इसको लेकर परिजन चिंतित होने लगे हैं. ठंड के साथ ही बच्चों में बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है.
मंगलवार की देर शाम बाजार के पंचमुखी मंगरु चौक स्थित आलोक हॉस्पिटल, आयुष्मान हॉस्पिटल, आरती हॉस्पिटल, चाइल्ड केयर बच्चा अस्पताल, पोपुलर नर्सिंग होम, देव आरोग्य संस्थान, कृष्णा हॉस्पिटल, सागर सेवा सदन, आसमा हॉस्पिटल के साथ अन्य हॉस्पिटलों में भी नवजात शिशु तथा छोटे छोटे बच्चा मरीजों की संख्या देखने को मिली. जिसमें फेफरे में इंफेक्शन, सर्दी जुकाम, खांसी के साथ अन्य बीमारियों का लक्षण पाया गया.
आलोक हॉस्पिटल में नवजात शिशु का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ एमके सिंह ने बताया कि अचानक बढ़ी ठंड व तेज हवा के कारण छोटे छोटे बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ गया है. इस बीमारी से बचाव को लेकर बच्चों के साथ साथ मां को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव को लेकर बच्चों को हवा में नहीं निकलने देना, मोटी ऊनी वस्त्रों का पहनावा के साथ ही मां और बच्चों को ताजा पौष्टिक आहार की जरूरत है.
डॉ सिंह ने बताया कि बच्चों को ठंड लगते ही जल्द ही नजदीक के हॉस्पिटल पहुंच चिकित्सकों से सलाह लेने की जरूरत है, ताकि समय पर इलाज कर उसे ठीक किया जा सके. जबकि डॉ एससी जायसवाल, डॉ केसी विद्यार्थी, डॉ महेश चौधरी, डॉ शमीम अंसारी, डॉ श्यामसुंदर सिंह, डॉ अनिल कुमार, डॉ के एल सिंह के साथ अन्य ने भी ठंड को देखते हुए परिजनों से बच्चों पर विशेष ध्यान देने की अपील की है.
