वैशाली : कुछ माह पूर्व तक आम पंचायतों में शुमार वैशाली प्रखंड की मदरना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल-जीवन-हरियाली यात्रा की सुगबुगाहट के साथ ही इसकी तस्वीर संवरने लगी. मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी में यहां विकास कार्य होने लगे.
तैयारी में किसी स्तर पर चूक न हो इसके लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक के पदाधिकारियों का भी वहां जमघट लगा हुआ है. आज इस पंचायत में तेजी से बदलते व विकसित होते बिहार की झलक देखने को मिल रही है. ठोस कचरा अवशिष्ट प्रबंधन के मामले में यह सूबे की पहली पंचायत बन चुकी है.
सरकार की महत्वाकांक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना की थीम पर इस पंचायत को संवारने की कवायद में पूरा प्रशासनिक महकमा जुटा हुआ है. सड़क किनारे वन विभाग की ओर से पौधे लगाये जा रहे हैं तो कृषि विभाग के पदाधिकारी यहां के किसानों को ब्रोकली व टिश्यू कल्चर केले के उत्पादन का गुर सिखाने में जुटे हुए हैं. महिलाओं को भी मशरूम उत्पादन, बकरी, बत्तख पालन आदि की जानकारी देकर स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा है.
कूड़े-कचरे से तैयार की जा रहा जैविक खाद : ठोस कचरा अवशिष्ट प्रबंधन वाली सूबे की पहली पंचायत मदरना में सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग करने के साथ-साथ प्लास्टिक के कचरे को अलग कर उसे रिसाइकल के लिए भेजा जा रहा है. शेष कूड़े-कचरे से जैविक खाद तैयार किये जा रहे हैं, जिसका उपयोग किसान खेती बाड़ी के लिए करेंगे. यहां तैयार जैविक खाद किसानों को कृषि विभाग उपलब्ध करायेगी.
बदल गयी टोले-मुहल्ले व सड़कों की सूरत : मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर मदरना पंचायत के टोले-मुहल्ले व सड़कों की सूरत ही बदल गयी है. चकाचक सड़कों के दोनों किनारे हरियाली का संदेश देते हुए पौधे लगाये जा रहे हैं. हर घर नल का जल पहुंचाने के साथ आकर्षक वाटर स्टैंड पोस्ट तैयार किये जा रहे हैं. पोखर के भिंडा के सौंदर्यीकरण के साथ पक्की सीढ़ियों का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है. पशु-पक्षियों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी का हौद तैयार किया गया है.
बच्चों को दी जा रही जल-जीवन-हरियाली की जानकारी
मदरना पंचायत की आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 168 को मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किया गया है. यहां बनी पेंटिंग बच्चों को प्ले स्कूल का एहसास करा रहे हैं.
बच्चों को जल-जीवन-हरियाली थीम की जानकारी देते हुए इस पर स्लोगन लिखना सिखाया जा रहा है. यहां 40 बच्चों को किरण कुमारी, अर्चना कुमारी, ऋतू कुमारी, कुमारी अल्का सिंह, श्वेता हाजीपुर, अर्चना कुमारी लालगंज, सुजाता कुमारी पातेपुर, रूबी कुमारी चेहरकलां बच्चों को प्लास्टिक का उपयोग न करने के प्रति जागरूक भी कर रही हैं.
